Indian Railway: बचपन हर किसी का अच्छा लगता है चाहे वह इंसान का हो या जानवर का. बचपन तो होता ही है ऐसा कि उसकी पवित्रता पर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है. कुछ ऐसा ही हुआ है भारतीय रेलवे में .भारतीय रेलवे के अधिकारी एक बच्चे को उसके पसंदीदा खोए हुए खिलौने को वापस कर उसकी खुशियां दोगुनी कर दी. मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को भारतीय रेलवे के 139 हेल्पलाइन नंबर के जरिए भुसीन पटनायक नाम के एक यात्री ने शिकायत दर्ज कराई. उसने अधिकारियों को बताया कि वह सिकंदराबाद-अगरतला स्पेशल ट्रेन (07030) के बी-2 कोच में यात्रा कर रहा है.
पटनायक ने रेलवे हेल्पलाइन नंबर पर बताया कि अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने एक व्यक्ति और उसकी पत्नी को अपने बच्चे के साथ यात्रा करते देखा. बच्चे के पास एक खिलौना था और वह उससे खेल रहा था. लेकिन उतरते समय परिजन खिलौना साथ ले जाना भूल गए. यात्री ने अधिकारियों से अनुरोध किया कि क्या वे मदद कर सकते हैं और इसे बच्चे को वापस कर सकते हैं. संपर्क करने पर यात्री ने कहा कि वह उनको को नहीं जानता है और न ही उनके उसका मोबाइल नंबर है.
भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने तब ट्रेन के लाइव स्थान का पता लगाया और कर्मचारी यात्री से खिलौना लेने के लिए न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पहुंचे.अधिकारियों ने कहा कि परिवार के संपर्क विवरण का पता लगाना एक मुश्किल काम था क्योंकि टिकट सिकंदराबाद में आरक्षण काउंटर के माध्यम से खरीदा गया था. एक टीम को आरक्षण की मांग के लिए भरी गई आरक्षण पर्ची की पहचान करने का काम सौंपा गया था और खोजबीन के बाद, पर्ची मिली और उससे परिवार के संपर्क विवरण एकत्र किए गए.
आरक्षण चार्ट के माध्यम से उनके नाम मोहित रज़ा और नसरीन बेगम के रूप में क्रॉस-चेक किए गए . परिवार पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के काजी गांव में रहता है. अलुआबारी रेलवे स्टेशन से लगभग 20 किलोमीटर दूर. रेलवे अधिकारियों की एक टीम उनके घर पहुंची और बच्चे को खिलौना सौंप दिया. बच्चे के पिता ने इस तरह की पहल के लिए रेलवे का आभार भी जताया. बच्चे के पिता ने अधिकारियों को बताया कि खिलौना ट्रक उनके बच्चे के दिल के बहुत करीब था, लेकिन वे इसे ट्रेन में भूल गए. बच्चे के पिता मोहित ने कहा, "मुझे लगा कि कोई भी सिर्फ एक खिलौने के लिए कोई प्रयास नहीं करेगा. इसलिए कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई
Source: digital media
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