इसके अलावा, शॉर्ट और लॉन्ग आंसर क्वेशचंस की गिनती भी होगी। CBSE ने स्पष्ट किया है कि, कक्षा 9 और 10 के लिए परीक्षा पैटर्न में कोई बदलाव नहीं होगा। नए नियम के अनुसार, एग्जाम में शॉर्ट और लॉन्ग आंसर क्वेशचंस कम हो जाएंगे इनकी जगह सिचुएशनल सवाल पूछे जाएंगे।
50 प्रतिशत सवाल प्रैक्टिकल नॉलेज के होंगे
इसके साथ ही सिलेबस बेस्ड MCQs 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत होंगे। शॉर्ट आंसर क्वेश्चंस की संख्या भी 40 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत हो जाएगी। पेपर में 50 प्रतिशत सवाल प्रैक्टिकल नॉलेज को टेस्ट करने पर फोकस होंगे। बता दें, यह बदलाव, NEP 2020 के तहत किए गए हैं। इनका उद्देश्य, स्कूली ज्ञान को रोजमर्रा के जीवन में उपयोग करना सिखाना है। बोर्ड का कहना है कि इससे छात्रों की सोचने की क्षमता विकसित होगी।
साल में 2 बार दे सकेंगे बोर्ड एग्जाम
बोर्ड ने बताया कि एकेडमिक ईयर 2025-26 से 10वीं, 12वीं के स्टूडेंट्स को साल में दो बार बोर्ड एग्जाम में शामिल होने का ऑप्शन मिल सकेगा। इसके अलावा, स्टूडेंट्स को बेस्ट स्कोर को रिटेन करने का विकल्प रहेगा। इसकी घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 19 फरवरी को कर दी है।
10वीं-12वीं में सब्जेक्ट्स घटाए गए
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी के लिए एजुकेशन स्ट्रक्चर में बदलाव करने का प्रस्ताव भेजा है। इसके तहत क्लास 10th में अब दो लैंग्वेज की जगह तीन लैंग्वेज की पढ़ाई होगी। इनमें कम से कम दो नेटिव लैंग्वेज (जैसे हिंदी, मराठी) शामिल की जाएगी। बोर्ड ने यह प्रस्ताव HRD मिनिस्टरी को भेज दिया है।
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