इसके बावजूद पार्टी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने का फैसला किया। अरविंदर सिंह लवली के अचानक इस्तीफा देने से कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले जोरदार झटका लगा है।
क्योंकि, दिल्ली में अगले माह ही दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। कांग्रेस ने सात लोकसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। तीन सीट पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, वहीं, चार सीटों पर आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि आप के साथ गठबंधन करने पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित भी खुश नहीं थे। मालूम हो कि इससे पहले कांग्रेस सरकार में 15 साल मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने पार्टी से इस्तीफा दिया था। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के व्यवहार को बताया था।
रामलीला मैदान में शामिल हुए थे लवली
दिल्ली की कथित शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मार्च माह में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। ईडी की इस कार्रवाई और केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी की अगुवाई में दिल्ली के रामलीला मैदान में लोकतंत्र बचाओ तानाशाही हटाओ के तहत महारैली की गई।
इस महारैली में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अरविंदर सिंह लवली ने संबोधित किया था। वहीं, इस रैली से पहले उन्होंने कहा था कि 31 मार्च को होने वाली रैली को इंडिया ब्लॉक के शीर्ष नेता संबोधित करेंगे। यह रैली लोकतंत्र को बचाने के लिए आयोजित की जा रही है और इसका संदेश न केवल दिल्ली में, बल्कि पूरे देश में दिया जाएगा।
इस्तीफे के क्या कारण बताए?
- दिल्ली कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं के फैसलों को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के जनरल सेक्रेटरी (दिल्ली इन चार्ज) (दीपक बाबरिया) द्वारा नकार दिया जाता था.
- अरविंदर सिंह लवली ने बताया कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (DPCC) का अध्यक्ष बनने के बाद भी AICC के जनरल सेक्रेटरी ने उन्हें DPCC में किसी भी वरिष्ठ नेता को अपॉइंट नहीं करने दिया. उदाहरण देते हुए अरविंदर सिंह लवली ने बताया कि एक पूर्व नेता को मीडिया हेड बनाने की उनकी अर्जी को सिरे से खारिज कर दिया गया था.
- साथ ही लवली ने आरोप लगाया कि AICC जनरल सेक्रेटरी ने DPCC को शहर में ब्लॉक प्रेसिडेंट भी नहीं अपॉइंट करने दिया.
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