कोलकाता. पश्चिम बंगाल से एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां जलपाईगुड़ी में अपनी पत्नी का शव उसका 70 वर्षीय पति अपने बेटे के साथ कंधों पर ले जाता दिखा है. एंबुलेंस संचालकों द्वारा उससे 3000 रुपये की मांग की गई थी और उनके पास इतने पैसे नहीं थे. इसके बाद बूढ़ा पिता अपने पुत्र के साथ ही पत्नी के शव को चादर में लपेटकर कंधों पर उठाकर सरकारी अस्पताल से 40 किमी दूर अपने घर ले जाने के लिए चल पड़ा.
यहां तक कि जब पिता पुत्र अपनी मां के शव को ले जा रहे थे तब राहगीरों ने उनका वीडियो रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया, लेकिन कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया. वीडियो वायरल हो गया, और अंत में एक एनजीओ उनकी मदद के लिए आ गया. पिता-पुत्र ने दावा किया कि एंबुलेंस ने उनसे क्रांति स्थित आवास तक के लिए 3,000 रुपये मांगे, जो अस्पताल से 50 किमी दूर है. जॉय कृष्ण दीवान और उसका बेटा राम प्रसाद दीवान ने कहा कि वे गरीब हैं और एंबुलेंस सेवा से कहा कि वे केवल 1,200 रुपये ही दे पाएंगे, लेकिन ड्राइवरों ने उनकी मदद करने से इनकार कर दिया.
पीड़ित राम प्रसाद दीवान ने कहा कि उनकी 72 वर्षीय मां को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिसके बाद उन्होंने अपनी मां को जलपाईगुड़ी के मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया. लेकिन स्थिति गंभीर होने के कारण उनकी मां की अगले दिन ही मौत हो गई. इसके बाद पीड़ित दीवान ने कहा, “जिस एंबुलेंस ने मेरी मां को घर से अस्पताल लाने के 900 रुपये लिए थे, वहीं एंबुलेंस मेरी मां के शव को घर ले जाने के 3000 रुपये मांग रहा था जो हम नहीं दे सकते थे. इसलिए उन्होंने अपनी मां के शव को चादर में लपेटा और अपने कंधे पर रखकर घर की ओर चलने लगे. देखिए वीडियो
अस्पताल के अधीक्षक कल्याण खान ने इस घटना को ‘ अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है. उन्होंने कहा, “अगर हमें पता होता तो हम उनके लिए शव वाहन की व्यवस्था जरूर करते. हम हमेशा जरूरत पड़ने पर लोगों को शव वाहन मुहैया कराते हैं. शायद पीड़ित परिवार को इसकी जानकारी नहीं थी इसलिए उन्होंने हमसे इस बारे में कोई संपर्क नहीं किया था.” source: digital media
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