लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है. इसे 'न्याय पत्र' नाम दिया गया है. मैनिफेस्टो में कांग्रेस ने बड़े चुनावी वादे किए हैं. इसमें 25 तरह की गारंटी दी गई हैं.
कांग्रेस ने सत्ता में आने पर एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा खत्म करेंगे और रिजर्वेशन सीमा बढ़ाएंगे, जातिगत जनगणना कराएंगे, कर्जामाफी आयोग बनेगा, रोजगार की गारंटी शामिल है.
घोषणा पत्र में पांच तरह के न्याय का जिक्र किया है. न्यूनतम मजदूरी 400 रुपए, 40 लाख सरकारी नौकरियां, गरीब महिलाओं को एक लाख की मदद, ट्रेनिंग के लिए एक लाख की मदद, शहरी रोजगार गारंटी स्कीम लाने का वादा किया है. राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की गई चिरंजीवी योजना के तर्क पर देशभर में 25 लाख रुपए तक निशुल्क इलाज के लिए कैशलेस बीमा योजना लागू की जाएगी. परिवार की सबसे बुजुर्ग महिलाओं को महालक्ष्मी योजना के तहत 1 लाख सालाना दिया जाएगा. इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पी चिदंबरम, केसी वेणुगोपाल, प्रियंका गांधी, सचिन पायलट समेत अन्य नेता मौजूद रहे.
सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस के ये बड़े वादे…
1.कांग्रेस जातियों और उपजातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना के लिए एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना करवाएगी. आंकड़ों के आधार पर योजनाओं का लाभ देगी.
2. कांग्रेस ने गारंटी दी है कि वो एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पारित करेगी.
3. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत का आरक्षण बिना किसी भेदभाव के सभी जातियों और समुदायों के लिए लागू किया जाएगा.
4. एक वर्ष की अवधि के भीतर एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित पदों की सभी बैकलॉग रिक्तियों को भरेंगे.
5. सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में नियमित नौकरियों की संविदा व्यवस्था को समाप्त किया जाएगा. ऐसी नियुक्तियों का नियमितीकरण सुनिश्चित किया जाएगा.
6. घर-निर्माण, व्यवसाय शुरू करने और संपत्ति खरीदने के लिए एससी और एसटी को संस्थागत ऋण बढ़ाया जाएगा.
7. भूमि सीमा अधिनियम के तहत गरीबों को सरकारी भूमि और अधिशेष भूमि के वितरण की निगरानी के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी.
8. एससी और एसटी समुदायों से संबंधित ठेकेदारों को अधिक सार्वजनिक कार्य अनुबंध देने के लिए सार्वजनिक खरीद नीति का दायरा बढ़ाया जाएगा.
9. ओबीसी, एससी और एसटी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की धनराशि दोगुनी की जाएगी. खासकर उच्च शिक्षा के लिए. एससी और एसटी छात्रों को विदेश में पढ़ने में सहायता दी जाएगी. उनके लिए पीएचडी में छात्रवृत्ति की संख्या दोगुनी की जाएगी.
10. कांग्रेस गरीबों, विशेषकर एससी और एसटी छात्रों के लिए आवासीय विद्यालयों का एक नेटवर्क खड़ा करेगी और इसे हर ब्लॉक तक विस्तारित करेगी.
अल्पसंख्यकों को लेकर कांग्रेस ने ये वादे किए…
1. संविधान के अनुच्छेद 15, 16, 25, 26, 28, 29 और 30 के तहत किसी के विश्वास का पालन करने के मौलिक अधिकार और धार्मिक अल्पसंख्यकों को दिए गए अधिकारों का सम्मान करेंगे और उन्हें बनाए रखेंगे.
2. संविधान के अनुच्छेद 15, 16, 29 और 30 के तहत गारंटीकृत भाषाई अल्पसंख्यकों के अधिकारों का भी सम्मान करेंगे और उन्हें बनाए रखेंगे.
3. अल्पसंख्यक छात्रों और युवाओं को शिक्षा, रोजगार, व्यवसाय, सेवाओं, खेल, कला और अन्य क्षेत्रों में बढ़ते अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित और सहायता करेंगे.
4. विदेश में अध्ययन के लिए मौलाना आजाद छात्रवृत्ति योजना बहाल करेंगे और छात्रवृत्ति की संख्या बढ़ाएंगे.
5. भारत को अपनी पूरी क्षमता का एहसास कराने के लिए अल्पसंख्यकों का आर्थिक सशक्तिकरण एक जरूरी कदम है. यह सुनिश्चित करेंगे कि बैंक बिना किसी भेदभाव के अल्पसंख्यकों को संस्थागत ऋण प्रदान करेंगे.
6. यह सुनिश्चित करेंगे कि अल्पसंख्यकों को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सार्वजनिक रोजगार, सार्वजनिक कार्य अनुबंध, कौशल विकास, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में बिना किसी भेदभाव के अवसरों का उचित हिस्सा मिले.
7. कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक नागरिक की तरह अल्पसंख्यकों को भी पोशाक, भोजन, भाषा और व्यक्तिगत कानूनों की पसंद की स्वतंत्रता हो.
8. पर्सनल लॉ में सुधार को बढ़ावा दिया जाएगा. ऐसा सुधार संबंधित समुदायों की भागीदारी और सहमति से किया जाएगा.
9. कांग्रेस ने संविधान की आठवीं अनुसूची में अधिक भाषाओं को शामिल करने की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करने का वादा किया है.
शिक्षा के क्षेत्र में क्या वादे…
1. कांग्रेस 25 वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक डिप्लोमा धारक या कॉलेज स्नातक को निजी या सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी में एक साल की ट्रेनिंग ने के लिए नए राइट टू अप्रेंटिसशिप एक्ट की गारंटी देती है. प्रशिक्षुओं को प्रति वर्ष 1 लाख मिलेंगे. ट्रेनिंग से स्किल मिलेगी, रोजगार क्षमता बढ़ेगी और लाखों युवाओं को पूर्णकालिक नौकरी के अवसर प्रदान करेगी.
2. नौकरी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने के मामलों पर फैसला देने के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतें उपलब्ध कराएंगे और पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा.
3. केंद्र सरकार में विभिन्न स्तरों पर स्वीकृत लगभग 30 लाख रिक्त पदों को भरेंगे. यह निर्धारित करेंगे कि पंचायतों और नगर निकायों में रिक्तियां राज्य सरकारों के साथ सहमत समय सारिणी के अनुसार भरी जाएंगी.
4. कांग्रेस स्टार्ट-अप के लिए फंड ऑफ फंड्स योजना का पुनर्गठन करेगी और 40 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने और रोजगार के लिए धन उपलब्ध कराने के लिए, जहां तक संभव हो- सभी जिलों में समान रूप से उपलब्ध फंड का 50 प्रतिशत आवंटित किया जाएगा.
5. सरकार उन आवेदकों को एक बार की राहत देगी जो कोरोना महामारी के कारण 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के दौरान क्वालिफाइंग पब्लिक एग्जाम देने में असमर्थ रहे हैं.
6. सरकारी परीक्षाओं और सरकारी पदों के लिए आवेदन शुल्क खत्म किया जाएगा.
7. व्यापक बेरोजगारी के कारण राहत के एकमुश्त उपाय के रूप में सभी छात्र शैक्षिक ऋणों के संबंध में 15 मार्च 2024 तक अवैतनिक ब्याज समेत देय राशि को माफ कर दिया जाएगा और बैंकों को सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाएगा.
8. कांग्रेस 21 वर्ष से कम आयु के प्रतिभाशाली और उभरते खिलाड़ियों के लिए प्रति माह 10,000 की खेल छात्रवृत्ति प्रदान करेगी.
9. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की दक्षता और मतपत्र की पारदर्शिता को संयोजित करने के लिए चुनाव कानूनों में संशोधन करेंगे. मतदान ईवीएम के माध्यम से होगा लेकिन मतदाता वोटिंग स्लिप को वीवीपैट यूनिट में रखने और जमा करने में सक्षम होगा. इलेक्ट्रॉनिक वोट मिलान का मिलान वीवीपैट पर्ची मिलान से किया जाएगा.
न्यायपालिका को लेकर वादे…
1. न्यायपालिका की स्वतंत्रता को दृढ़ता से बरकरार रखा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के परामर्श से कांग्रेस एक राष्ट्रीय न्यायिक आयोग (NJC) बनाएगी. NJC की संरचना का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के परामर्श से किया जाएगा. एनजेसी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के चयन और नियुक्ति के लिए जिम्मेदार होगा.
2. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सभी रिक्तियां तीन साल के भीतर पूरी की जाएंगी.
3. कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में दो प्रभाग बनाने के लिए संविधान में संशोधन करेगी. एक संवैधानिक न्यायालय और एक अपील न्यायालय होगा. सात सीनियर जजों की संवैधानिक पीठ संविधान की व्याख्या और कानूनी महत्व या राष्ट्रीय महत्व के अन्य मामलों से जुड़े मामलों की सुनवाई और निर्णय करेगी. अपील की अदालत, अपील की अंतिम अदालत होगी, जो तीन-तीन जजों की बेंच में बैठकर हाईकोर्ट और नेशनल ट्रिब्यूनल्स की अपीलों की सुनवाई करेगी.
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