Indian Navy Former Officers Returned India: कतर की जेल से रिहा होकर भारतीय नौसेना के पूर्व जवान वतन लौट आए हैं। आठों पूर्व जवानों को रिहा कर दिया गया है। उनमें से 7 आज सुबह भारत पहुंचे।
वहीं कतर से लौटे पूर्व नौसैनिकों में से एक उस समय भावुक हो गया, जब उन्होंने अपनी सरजमीं पर कदम रखे।
उन्होंने कहा कि हमने अपने वतन वापस लौटने के लिए करीब 18 महीने तक इंतजार किया। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद आभारी हैं। यह उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप और कतर के साथ उनके समीकरणों-संबंधों के बिना संभव नहीं होता। हम भारत सरकार द्वारा किए गए हर प्रयास के लिए तहेदिल से शुक्रगुजार हैं। उनके प्रयासों के बिना यह दिन देखना हमारे लिए संभव नहीं होता।
विदेश मंत्रालय की ओर से किया गया स्वागत
कतर से पूर्व नौसैनिकों की वतन वापसी होने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने आज सुबह एक बयान जारी किया। बयान जारी करके पूर्व नौसैनिकों का वतन लौटने पर स्वागत किया गया। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा किया कि भारतीय नागरिकों का कतर की जेल से रिहा होकर भारत आने पर स्वागत है। भारत कतर के फैसले का प्रशंसक है कि वहां की सरकार ने भारत सरकार का आग्रह स्वीकार किया।
भारत के पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा को पहले उम्रकैद में बदल दिया और अब उन्हें रिहा करके सही सलामत भारत पहुंचा दिया है। यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है। आठों भारतीयों के परिवारों ने मिलकर प्रधानमंत्री मोदी से मामले पर बात की थी और उसके बाद किए गए प्रयास सराहनीय हैं।
कतर में इन 8 भारतीयों को हुई थी सजा
कैप्टन नवतेज सिंह गिल
कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा
कैप्टन सौरभ वशिष्ठ
कमांडर अमित नागपाल
कमांडर पूर्णेंदु तिवारी
कमांडर सुगुनाकर पकाला
कमांडर संजीव गुप्ता
नाविक रागेश
क्या था मामला?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2022 से कतर पुलिस ने 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया था। कतर पुलिस ने उन पर कतर के पनडुब्बी प्रोजेक्ट की जासूसी करने का आरोप लगाया था। 25 मार्च 2023 को चार्जशीट दायर करके उनके खिलाफ कतर के कानून के तहत केस चलाया गया। 26 अक्टूबर 2023 को कतर की कोर्ट ने आठों भारतीयों को मौत की सजा सुनाई थी।
मामला सामने आने के बाद आठों भारतीयों के परिवार प्रधानमंत्री मोदी से मिले। उन्होंने अपने परिजनों को बचाने की मांग की। इसके बाद दुबई में हुए COP28 शिखर सम्मेलन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी से मुलाकात हुई, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा हुई। इसके बाद मामले में 60 दिन की अपील करने की राह मिली। कानूनी प्रक्रिया के तहत अपील की गई।
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