पूरा मामला जिले के फरीदपुर थाना क्षेत्र का है. यहां पर एक दलित परिवार के घर कुछ वक्त पहले बेटे का जन्म हुआ था. इस बात की जानकारी मिलने के बाद ठाकुर समाज का एक युवक अपने कुछ साथियों के साथ दलित के घर पहुंचा और बेटे की खुशी में लड्डू खाने को मांगे. दलित महिला उस वक्त घर में अकेली थी. महिला ने दबंगों से कहा कि लड्डू घर पर नहीं है. आरोप है कि दबंगों ने उसके साथ मारपीट की और महिला के साथ गैंगरेप किया.
दलित की पीट-पीट कर की हत्या
महिला ने जैसे-तैसे घर से भागकर अपनी जान बचाई. जब खेत से काम के बाद दलित युवक लौटा और उसने दबंगों से कहा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो दबंगों ने उसे भी बंधक बना लिया और अपने साथ जंगल ले गए. जहां उन्होंने दलित युवक को पेड़ से बांध दिया. दबंगों ने इसके बाद युवक को तब तक मारा जब तक उसकी जान नहीं निकल गई. दबंगों ने दलित को वहीं छोड़ा और मौके से फरार हो गए. जब परिजनों को पता चला तो उन्होंने मौके पर जाकर देखा तो युवक लहूलुहान पड़ा हुआ था.
दो दिन बात पुलिस हरकत में आई
परिजनों ने दलित युवक को उठाया और उसे तुरंत हॉस्पिटल ले गए. हॉस्पिटल में युवक को मृत घोषित कर दिया. इस पूरे मामले की सूचना परिजनों ने पुलिस को दी लेकिन पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी और उनसे ही कोरे कागज पर अंगूठे का निशान लगवा लिया. परिजनों ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद भी दबंग युवक गांव में ही खुलेआम घूमते रहे. 2 दिन तक जब परिजनों ने दलित युवक का अंतिम संस्कार नहीं किया तब जाकर पुलिस हरकत में आई. पुलिस ने इसके बाद दलित युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामला दर्ज किया है.
परिवार से छिना एकलौता सहारा
पुलिस ने इस पूरे मामले में दो दिन बाद संज्ञान लेते हुए हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर मामलों में केस दर्ज किया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. परिजनों के अनुसार अभी भी एक आरोपी युवक फरार है.
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