दोनों को बुधवार शाम को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है. उनसे पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
दरअसल, कुछ दिन पहले भारतीय किसान मंच एवं भारतीय गौ सेवा परिषद (एनजीओ) के अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी को ईमेल के जरिये कथित तौर पर एक धमकी मिली थी. जिसमें राम मंदिर, सीएम योगी और एसटीएफ चीफ को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी.
देवेंद्र तिवारी ने दावा किया था कि ईमेल भेजने वाले ने खुद को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI एजेंट बताया था. इस ईमेल के बाद पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां हरकत में आ गई थीं. अब इस मामले में दो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं.
देवेंद्र तिवारी ने ही रची थी पूरी साजिश
आरोपियों के कबूलनामे के अनुसार, देवेंद्र तिवारी ने खुद ही यह साजिश रची थी. देवेंद्र ने सुरक्षा पाने और बड़ा नेता बनने के लिए अपने ही कर्मचारियों से खुद को धमकी भरा ईमेल कराया था. जिसमें ताहर सिंह और ओम प्रकाश मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल, मुख्य साजिशकर्ता देवेंद्र की तलाश जारी है.
योगी आदित्यनाथ, देवेन्द्र तिवारी को 'बम' से उड़ाने की धमकी, बूचड़खानों के खिलाफ PIL से जुड़ा मामला
पूछताछ में पता चला है कि देवेंद्र ने अपने सोशल मीडिया हैंडलर ताहर सिंह और पर्सनल सेक्रेटरी ओम प्रकाश से धमकी भरा मेल फर्जी ईमेल आईडी से भिजवाया था. मेल भेजने के लिए उसने 2 मोबाइल खरीदकर दोनों को दिए थे. फिर मेल भेजने के बाद मोबाइल को जला दिया था.
इसलिए था रचा नाटक
देवेंद्र तिवारी ने सोशल मीडिया पर हाइलाइट होने और सुरक्षा लेने के लिए पूरा नाटक रचा था. इस मामले में उसने थाने में मुकदमा भी दर्ज करवाया था. शिकायत के समय देवेंद्र ने अपने वीडियो बयान में कहा था कि जो मामले पहले से दर्ज है उसमें अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है ना ही मेरी सुरक्षा को लेकर कोई कदम उठाया गया. उसने कहा था कि ऐसा लग रहा है कि मेरी हत्या के बाद ही ये लोग जागेंगे.
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