सोमवार देर रात दिल्ली के अस्पताल में बिजेंद्र के बेटे आर्यन (10) व मंगलवार दोपहर बिजेंद्र के भतीजे सूरज (16) ने दम तोड़ दिया। पुलिस का कहना है कि जिस बड़े वाहन से 119 किमी की रफ्तार से चल रही ईको टकराई थी वह वाहन या तो खड़ा था या धीमी गति से चल रहा था, लेकिन अब तक आरोपी चालक व वाहन का पुलिस सुराग नहीं लगा पाई है।
पुलिस के अनुसार, दिल्ली निवासी बिजेंद्र रिश्तेदार की मौत की खबर सुनकर झारखंड जा रहा था। यमुना एक्सप्रेसवे पर रबूपुरा क्षेत्र में फलैदा कट के पास कार किसी अज्ञात वाहन से टकरा गई थी।
हादसे में ईको में सवार दंपती बिजेंद्र बैठा (36), पत्नी कांति देवी (30), बेटी ज्योति (12), बड़े भाई रामप्रीत (38), दोस्त सुरेश (45) की मौत हो गई। जबकि बिजेंद्र के बेटे आयुष (8), आर्यन (10) और उपेंद्र के बेटे सूरज (16) को जेवर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सोमवार शाम तीनों को हालत में सुधार नहीं होने पर सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया था। बिजेंद्र के रिश्तेदार बब्बन ने बताया कि आर्यन और सूरज की भी मौत हो गई है। हादसे में घायल बिजेंद्र के बेटे आयुष की हालत भी चिंताजनक बनी हुई है।
हादसा डिवाइडर के पास वाली लाइन के करीब हुआ है। आरोपी चालक व वाहन की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। फुटेज नहीं मिलने के कारण चालक की पहचान नहीं हो पाई है। हालांकि बड़ी संख्या में वाहनों की जांच की गई है। जल्द पहचान कर आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा। - साद मियां खान, डीसीपी ग्रेटर नोएडा
गिरफ्तारी तो दूर आरोपी की पहचान न होने से उठ रहे सवाल
पुलिस यमुना एक्सप्रेसवे की सुरक्षा चाक चौबंद होने का दावा करती रही है। फलैदा कट के पास पुलिस गश्त का भी दावा किया जाता है। ईको की रफ्तार हादसे से कुछ देर पहले 119 किमी थी। ऐसे में पूरा अंदेशा है कि जिस वाहन से ईको टकराई वह पीछे से क्षतिग्रस्त हुआ होगा। वह ओवरलोड भारी वाहन होगा अन्यथा उसकी हालत भी कार जैसी होती।
पुलिस का कहना है कि हादसा डिवाइडर के पास हुआ। अगर भारी वाहन धीमी या अपनी रफ्तार से चल रहा होता तो वह डिवाइडर या ओवरटेकिंग लाइन में नहीं होता। जेवर के सीसीटीवी की जांच में पीछे से क्षतिग्रस्त वाहन नहीं मिला है। ऐसे सवाल यह उठता है कि क्या वाहन फलैदा या साबोता कट से रबूपुरा क्षेत्र में ही गया है। अगर ऐसा हुआ है तो फलैदा कट के पास सक्रिय रहने वाली और रबूपुरा पुलिस अब तक आरोपी की पहचान क्यों नहीं कर पाई।