26 महिलाओं की छूटी ट्रेन तो 9 घंटो तक रेलवे स्टॉफ को बनाया बंधक, रेलवे ने अगले दिन की 26 टिकट बुक कराकर भेजा कर्नाटक

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26 महिलाओं की छूटी ट्रेन तो 9 घंटो तक रेलवे स्टॉफ को बनाया बंधक, रेलवे ने अगले दिन की 26 टिकट बुक कराकर भेजा कर्नाटक

रेलवे स्टेशन पर हंगामा.. यात्रियों और रेलवेकर्मियों में जमकर हुई तू-तू मैं-मैं.. तस्वीरें चंदौली की हैं... जहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर उस वक्त हड़कंप के हालात देखने को मिले… जब रिजर्वेशन के बावजूद करीब 26 महिला यात्री ट्रेन में नहीं चढ़ पाए… वजह जानेंगे तो हैरान हो जाएंगे… वजह थी ट्रेन में भारीभरकम भीड़… जी ऐसी भीड़ की तिलभर भी पैर रखने की जगह नहीं… ऐसी भीड़ की तमाम जोर आजमाइश के बाद भी ट्रेन में चढना हो गया नामुमकिन... अब जब रिजर्वेशन होने के बावजूद ट्रेन में बोर्डिंग ना हो पाए… इतनी भीषण गर्मी में धक्केखाने के बाद भी ट्रेन ना मिल पाए.. तो गुस्सा फूटना तो लाजमी था... तो फूट पड़ा इन यात्रियों का भी गुस्सा… कर दिया हंगामा घेर लिया रेलवे कर्मियों को…इनके गुस्से का हाल ये था कि इन्होंने इंक्वायरी बुक में मौजूद कर्मचारियों को भी 9 घंटे तक बंधक बनाए रखा… बेचारे ये रेलकर्मी भी समझाते रहे कि उनके हाथ में कुछ नहीं… लेकिन गुस्से के आगे जो पड़ा वो ही सना... दरअसल, दक्षिण भारत का एक महीलाओं का ग्रुप काशी दर्शन के लिए वारणसी आया हुआ था...

इनमें शामिल 26 यात्री संघमित्रा एक्सप्रेस से विजयवाडा और बेंगलूरू जाने वाले थे... इन सभी यात्रियों का स्लीपर क्लास में रिजरवेशन था... ट्रेन तकरीबन ढ़ाई घंटे की देरी से चल रही थी... और रात के 2 बजे जब ये ट्रेन दिन दयाल उपाध्याय स्टेशन पहुंची तो पहले से ट्रेन में खचाखच भीड़ थी....

आलम ये था की किसी भी डिब्बे में पैर तक रखने की जगह नहीं थी... इन सभी यात्रियों ने ट्रेन में चढ़ने का प्रयास किया... लेकिन चूंकि भीड़ ज्यादा होने की वजह से और ग्रुप में महिलाओं की तादाद ज्यादा होने की वजह से वो ट्रेन में नहीं बैठ पाई... बताया जा रहा है कुछ यात्री बैठ भी गए उन्हें भी कम परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा...

हंगामा जब बढ़ा तो RPF के पदाधिकारियों के साथ– साथ रेलवे के भी अधिकारी मौके पर पहुंचे.... और आक्रोशित यात्रियों को समझाने बुझाने का सिलसिला शूरू हुआ.... लेकिन यात्रियों की मांग थी कि फौरन उनके लिए कुछ इंतजाम किया जाए... और घंटों ये तू-तू- मैं- मैं चलती रही...

लेकिन न यात्रियों को कोई रास्ता समझ में आ रहा था, न रेलवे के अधिकारियों को कुछ दिखाई दे रहा था... फिर सुबह रेलवे के अधिकारियों ने सभी यात्रियों का दोबारा रिजर्व टिकट कटवाया और यात्रियों को खुशी- खुशी रवाना किया.... लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या आपकी सेवा में मुस्कान के साथ का दावा करने वाली भारतीय रेलवे का सफर जो आजकल बड़ा कूल बताया जाता है.... सुविधाजनक और आरामदायक यात्रा क दावा किया जाता है... उसकी हकिकत क्या यही है... वैसे त्योहारों के सीजन में और गर्मी के छुट्टी में ट्रेनों का ये हाल दिख ही जाता है... लेकिन उससे भी बड़ा सवाल ये कि ऐसे में धक्का- मुक्की में कोई बड़ा हादसा हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा...

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