Bageshwar Dham:बाबा ने कथा में आने वालों की जय, कथा में नहीं आने वालों की भी जय के साथ आरंभ किया प्रवचन,गूंजा पंडाल

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Bageshwar Dham:बाबा ने कथा में आने वालों की जय, कथा में नहीं आने वालों की भी जय के साथ आरंभ किया प्रवचन,गूंजा पंडाल

तमाम विरोध और प्रदर्शन की आशंकाओं के बीच बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश्वर संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri ) का पटना के नौबतपुर तरह पाली मठ परिसर में बनाए गए 3 लाख स्क्वायर एरिया के विशाल पंडाल में हनुमत कथा प्रवचन शुरू हो गया. बिहार की पावन भूमि पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चिर प्रतीक्षित हनुमत कथा कार्यक्रम का शुभारंभ पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हरी भजन से किया. भजन के बोल "हरि चरणों का ध्यान करो, तर जाने के लिए, क्यों अवसर यह खोता है, फिर नहीं आने के लिए. बाबा ने कथा में आने वालों की जय, कथा में नहीं आने वालों की भी जय और कथा का विरोध करने वालों की जय का नारा लगाने के लिए लोगों से कहा तो जयकारे से पंडाल गूंजने लगा. बता दें कि शाम 7:00 बजे तक बाबा का दिव्य दरबार चलेगा. यह दरबार 17 मई तक रोजाना शाम 4:00 बजे से 7:00 बजे तक चलेगा.

बाबा बागेश्वर की झलक पाने पटना और आसपास के कई राज्यों से पहुंचे हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की उमड़ी अपार भीड़ से विशाल पंडाल भी छोटा पड़ गया. कार्यक्रम में बाबा के मंच पर पहुंचते हैं काफी देर तक श्रद्धालुओं ने बाबा बागेश्वर के स्वागत में जय श्री राम और जय हनुमान के जयघोष से पूरा इलाका गुंजायमान कर दिया. भगवान श्री राम की अर्धांगिनी सीता मैया के धरती बिहार में अपने श्रद्धालु भक्तों के स्वागत से अभिभूत बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हाथ जोड़कर सभी का अभिनंदन स्वीकार किया. Online Shopping site in India: Shop Online for Mobiles, Books, Watches, Shoes and More - Amazon.in https://www.amazon.in/s?tag=0335-21&k=phone [Contains affiliate links. I may receive a small commission if you buy from these links.]

बाबा धर्मेंद्र शास्त्री पीठाधीश्वर बागेश्वर धाम नौबतपुर पहुंचते ही हनुमंत कथा स्थल पहुंचने से पहले राघवेंद्र सरकार मठ पहुंचे और यहां पर राम जानकी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद महंत सुदर्शनाचार्य से आशीर्वाद लिया लिया. पूजा अर्चना कर हनुमत आरती में बाबा के साथ बीजेपी के कई मंत्री सांसद विधायक पूर्व विधायक समेत तमाम दिग्गजों की फौज शामिल रहे. भाजपा नेताओं ने भी मंच पर से जय श्री राम और जय बजरंगबली के जयकारे लगाए. मंच पर उपस्थित पंडित ने मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इसके बाद बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने मंच पर उपस्थित सभी मंत्री, विधायक, सांसदों को अंग वस्त्र एवं फूल देकर उन्हें सम्मानित किया. जिनमें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, भाजपा सांसद रामकृपाल यादव और मनोज तिवारी बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा समेत कई भाजपा नेता भी थे.

इससे पहले पटना आगमन पर मीडिया के सवालों के बीच बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने विरोध करने वालों का स्वागत करते हुए कहा जो हिंदू मुस्लिम नहीं करते वह तो हिंदू हिंदू करते हैं. प्रवचन देते हुए बाबा बागेश्वर धाम सरकार ने कहा कि बिहार के लोग धन्य है. यहां बिहार की धरती पर मां जानकी ने जन्म लिया था. यह धरती मां जानकी की धरती है. उन्होंने कहा कि बिहार की धरती से ही शुन्य का आविष्कार हुआ था. उन्होंने कहा कि आर्यभट्ट ने ही सुनने का आविष्कार बिहार की धरती से किया था. बागेश्वर जी महाराज ने बिहार के पागलों की जय कहने की भी बात कही.

हनुमंत कथा के दौरान बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जब अच्छे काम करोगे तो कई सारे व्यवधान उत्पन्न होंगे। उन्हें में उदाहरण देते हुए कहा कि एक गांव में जब एक हाथी पहुंचता है तो कई लोग उसे केला, पूरी कई तरह के पकवान खिलाते हैं। बच्चे लोग हाथी को गणेश जी बोल कर उन्हें प्रणाम करते हैं। वही कुछ कुत्ते भी हाथी के पीछे पडकर भोकना शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा कि अगर हाथी कुत्तों के भौंकने से कुत्तों के पीछे पड़ेगा तो फिर लोग उसे पागल हाथी करार देंगे.

इसलिए हाथी अपनी चाल में मस्त होकर आगे की तरफ बढ़ता जाता है. उन्होंने कहा कि जब हनुमान जी लंका में मां सीता से मिलने जा रहे थे, तो कई तरह के व्यवधान उनके रास्ते में आने लगी. उन्होंने कहा कि सुरसा सहित कई व्यवधानो को पार कर वह लंका पहुंचते हैं. गाना गाते हुए कहा कि जीवन तो भैया एक रेल है , कभी पैसेंजर कभी मेल है । सुख-दुख की पटरी दौड़ लगाती है, मंजिल तक यह हमको पहुंच आती है. उन्होंने कहा कि मंजिल क्या है. परमात्मा के द्वार तक पहुंचना मंजिल है. सांसों मे जब तक इसमें तेल है. बैल गाड़ी की टिकट क्या है. अच्छे कर्मों की टिकट कटा लेना, पूछे जो टी टी उसे टिकट दिखा देना. बिना टिकट का सीधे जेल है जीवन तो भैया एक रेल है कभी पैसेंजर कभी मेल है. लोगों ने इस पर जमकर तालियां बजाई.                      Source: digital media

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