आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले बोलसोनारो के समर्थक सड़कों पर इकट्ठा हुए और फिर सुरक्षा घेरा तोड़कर संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट में घुस गए. उन लोगों ने जमकर उत्पात मचाया. खबर है कि प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के दरवाजे और खिड़कियां तोड़ दीं. Click👇
रिपोर्ट के मुताबिक, विरोध को शांत करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े. साथ ही पुलिस ने सरकारी इमारतों में घुसे करीब 400 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है. घटना के बाद, ब्रासीलिया में संसद भवन के आसपास के क्षेत्र को अधिकारियों ने बंद कर दिया गया.सरकारी इमारतों को भी खाली करा दिया गया है. Click👇
राष्ट्रपति लूला ने एक प्रेस कॉन्फरेंस में कहा-
इन बदमाशों को कट्टर नाज़ी, कट्टर स्टालिनवादी और कट्टर फासीवादी कहा जा सकता है. ये जो कर रहे हैं ऐसा इस देश के इतिहास में कभी नहीं किया गया है. इन सभी लोगों को ढूंढ निकाला जाएगा और उन्हें दंडित किया जाएगा.
वहां के गवर्नर इवानिस रोचा ने बयान में कहा-
हम सभी प्रदर्शनकारियों की पहचान कर रहे हैं. जो भी लोग इस आतंकी कृत्य में शामिल हैं, उनको अपने अपराधों के लिए सजा भुगतनी पड़ेगी.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घटना की निंदा की है.
उन्होंने ट्वीट में लिखा-
मैं लोकतंत्र पर हमले और ब्राजील में सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण पर हमले की निंदा करता हूं. ब्राजील के लोकतांत्रिक संस्थानों को हमारा पूरा समर्थन है. मैं राष्ट्रपति लूला के साथ काम जारी रखने के लिए उत्सुक हूं.
पीएम मोदी ने मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा-
ब्रासीलिया में सरकारी संस्थानों में दंगे और तोड़-फोड़ की खबरों से बेहद चिंतित हूं. लोकतांत्रिक परंपराओं का सभी को सम्मान करना चाहिए. हम ब्राजील के अधिकारियों को अपना पूरा समर्थन देते हैं.
बता दें पिछले साल अक्टूबर में ब्राजील में चुनाव हुए थे. इन चुनावों में बोलसोनारो हार गए थे. तब वामपंथी पार्टी से लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने जीत हासिल की थी. लेकिन, बोलसोनारो के समर्थकों ने चुनाव नतीजे मानने से इंकार कर दिया. तब से ही बोलसोनारो के समर्थक लूला के शपथ लेने के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
लूला ने 1 जनवरी 2023 को ब्राजील के राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला. वो ब्राजील के 39वें राष्ट्रपति बने हैं. Source: digital media