यह तीन आरोपी हैं, सचिन अरोड़ा जिसकी उम्र सिर्फ 20 साल है और वो वॉलपेपर का काम करता था, उसका साथी हर्षित अग्रवाल उर्फ हनी जिसकी उम्र 19 साल है. वो प्राइवेट कंपनी में पैकिंग का काम करता था. इसके अलावा तीसरा आरोपी है वीरेंद्र सिंह उर्फ सोनू. जिसकी उम्र सिर्फ 22 वर्ष है और वो जनरेटर मैकेनिक का काम करता है. पुलिस ने उन्हें 15 तारीख को कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने 2 दिन की पीसी रिमांड मंजूर की थी. रिमांड के बाद पुलिस ने उन्हें आज कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने उन्हें अगले 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि बुधवार को दो बहने स्कूल जाने के लिए घर से निकली थीं. इस दौरान बाइक पर आए दो युवकों ने 17 साल की लड़की पर एसिड फेंक दिया और फरार हो गए. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने Flipkart से एसिड खरीदा और छात्रा पर फेंक दिया. बिक्री पर प्रतिबंध के बावजूद इतनी आसानी से एसिड का उपलब्ध होना पुलिस और प्रशासन पर तमाम सवाल खड़े कर रहा है.
ब्रेकअप के बाद दिया घटना को अंजाम
स्पेशल पुलिस कमिश्नर सागर प्रीत हुड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर बताया था कि आरोपियों ने ऑनलाइन एसिड खरीदा था. इसका भुगतान अरोड़ा द्वारा किया गया था. पुलिस के मुताबिक, इसे फ्लिपकार्ट से खरीदा गया था. हालांकि, इस पर अभी तक कंपनी का कोई बयान नहीं आया है. पुलिस के मुताबिक, जांच में पता चला है कि आरोपी सचिन अरोड़ा और पीड़िता सितंबर तक दोस्त थे. लेकिन इसके बाद दोनों का ब्रेकअप हो गया. इसके बाद आरोपी ने एसिड फेंकने का फैसला किया. आरोपी लड़की के पड़ोस में ही रहता है.
साजिश के तहत दिया घटना को अंजाम
पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने अपने दोनों दोस्तों के साथ मिलकर तीन महीने तक इसकी साजिश रची और फिर बुधवार को वारदात को अंजाम दिया. साजिश के तहत सचिन अरोड़ा और हर्षित अग्रवाल बाइक पर आए और छात्रा पर तेजाब फेंका. जबकि तीसरा आरोपी वीरेंद्र सिंह सचिन अरोड़ा और हर्षित का मोबाइल और स्कूटी लेकर दूसरी लोकेशन पर जाकर बैठ गया, ताकि जांच के दौरान पुलिस को गुमराह किया जा सके और बाद में इन्हें सबूत के तौर पर पेश किया जा सके.
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