दूध देने वाले सभी 4 बकरों की नस्लें अलग-अलग हैं. बकरी पालन केंद्र के मैनेजर साजिद अख्तर का कहना है कि करीब ढाई साल से ये बकरे दूध दे रहे हैं. यहां के स्टाफ के लिए अब ये चीज आम हो गई है लेकिन कई लोग इस पर रिसर्च करने के लिए दूर-दूर से यहां पहुंच रहे हैं.
कैसा है ये दूध?
अख्तर ने बताया कि बकरे का दूध नॉर्मल दूध जैसा ही है. इसे हम बकरियों के दूध में मिला देते हैं. इस दूध पर रिसर्च चल रही है जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. बुरहानपुर जिला मुख्यालय पर छह साल पहले इस सरताज बकरी पालन रिसर्च और ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की गई थी. यहां पर 12 से ज्यादा प्रजातियों के 350 से ज्यादा बकरे-बकरी मौजूद हैं.
यहां पर बकरी पालन का बिजनेस करने वाले लोगों के लिए हर महीने ट्रेनिंग सेशन होता है. उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है. इसी ट्रेनिंग के दौरान एक ट्रेनी की नजर यहां मौजूद 4 बकरों पर गई जो बकरियों की तरह दूध देते हैं. इसके बारे में जब यहां के कर्मचारियों से पूछा तो उन्हें ये कुछ नया नहीं लगा. हालांकि, जैसे ही ये बात सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो लोग हैरान हो गए कि बकरा भी दूध दे सकता है.
क्या है दूध देने वाले बकरों की प्रजाति?
चार बकरों में एक पंजाब से बिटल प्रजाति का है, एक चंबल से हंसा प्रजाति का बकरा है, एक हैदराबादी बकरा है जिसे हैदराबाद से लाया गया है और एक अहमदाबाद से आया है जिसकी प्रजाति पथिरा है. इसमें सबसे महंगा बकरा हंसा प्रजाति का सुल्तान है जिसकी कीमत 3.5 लाख रुपये है.