विमान शिरसगांव गांव के पास एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।
आईपीएस अधिकारी ने बताया कि सुखोई विमान शिरसगांव गांव के पास एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। लड़ाकू विमान को विंग कमांडर बोकिल और उनके दूसरे कमांडर बिस्वास उड़ा रहे थे। करीब दोपहर 1.20 बजे यह निफाड तहसील के शिरसगांव गांव के एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी 'पीटीआई' को बताया कि दोनों पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए और उन्हें मामूली चोटें आई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि उन्हें एचएएल अस्पताल ले जाया गया है। दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद विमान में आग लग गई, जिसे बुझा दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि विमान के हिस्से अब 500 मीटर के दायरे में फैले हुए हैं। विमान दुर्घटना के बाद भारतीय वायुसेना, एचएएल सुरक्षा और एचएएल तकनीकी इकाई की टीमों ने घटनास्थल का दौरा किया।
जानिए सुखोई लड़ाकू विमान की खूबियां
रूसी सुखोई एसयु-30 एमकेआई भारतीय वायुसेना में सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान माना जाता है। भारतीय वायुसेना के पास 272 सक्रिय सुखोई एसयु-30 एमकेआई हैं, इस एयरक्राफ्ट में दो इंजन हैं और दो चालको के बैठने की जगह है। इनमें से कुछ लड़ाकू विमान को सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को लॉन्च करने के लिए भी अपग्रेड किया गया है।
सुखोई विमान 3,000 किलोमीटर तक हमला कर सकता है, जबकि इसकी क्रूज रेंज 3,200 किलोमीटर तक है और कॉम्बेट रेडियस 1,500 किलोमीटर है। वजन में भारी होने के बावजूद यह लड़ाकू विमान अपनी तेज गति के लिये जाना जाता है। यह विमान आकाश में 2,100 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार से फर्राटा भर सकता है।
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