इसके लिए महीनों का समय और परफेक्ट प्लानिंग की जरूरत थी. साथ ही दोनों देशों की विभिन्न एजेंसियों की सहमति और क्लीयरेंस की भी इसमें जरूरत पड़ी, तब कहीं जाकर ब्रिटेन से सोना भारत की तिजोरी में पहुंचा.
100 टन सोने को भारत लाना आसान नहीं था
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, आरबीआई अधिकाारियों का कहना है कि लगभग 100 टन सोना और आने वाले दिनों में भारत लाया जाएगा. ऐसा बताया जा रहा है कि भविष्य में वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए आरबीआई देश की तिजोरी में सोने की मात्रा को बढ़ा रहा है. सूत्रों ने बताया कि 100 टन सोने को भारत लाना कतई आसान नहीं था. इसके लिए कई महीनों तक योजना बनाई गई.
ऐसे भारत आया 1 लाख किलो सोना
अधिकारियों ने बताया कि 100 टन सोने को भारत में लाने के लिए वित्त मंत्रालय, आरबीआई और स्थानीय अधिकारियों सहित सरकार की कई अन्य शाखाओं के बीच आपसी तालमेल शामिल था. सोना लाने की पूरी प्रक्रिया को सीक्रेट रखा गया, साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए. इसके लिए आरबीआई को सीमा शुल्क में छूट दी गई, केंद्र को इस सॉवरेन एसेट पर रेवेन्यू छोड़ना पड़ा... लेकिन आयात पर लगने वाले एकीकृत जीएसटी से कोई छूट नहीं थी, क्योंकि कर राज्यों के साथ साझा किया जाता है. 1 लाख टन सोना किसी आम विमान में नहीं आ सकता था, इसलिए एक विशेष विमान की व्यवस्था की गई.
कहां रखा गया है 1 लाख किलो सोना?
बता दें कि देश के भीतर, मुंबई के मिंट रोड के साथ-साथ नागपुर में आरबीआई के पुराने कार्यालय भवन में सोना रखा जाता है. इन दोनों जगह पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहते हैं. 24 घंटे यहां सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि ब्रिटेन से लाया गया सोना भी यहीं रखा गया होगा. हालांकि, इसकी अभी तक कोई अधिकारिक सूचना नहीं दी गई है.
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