Sonpur Mela: विश्व प्रसिद्ध बिहार के सोनपुर मेले में दो फीट के घोड़े का जलवा, देखने के लिए उमड़ रहें लोग

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Sonpur Mela: विश्व प्रसिद्ध बिहार के सोनपुर मेले में दो फीट के घोड़े का जलवा, देखने के लिए उमड़ रहें लोग

हाजीपुर। विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला का उद्घाटन हुए मात्र पांच दिन हीं हुए हैं, लेकिन कभी पशु मेला के नाम से विश्व विख्यात इस मेले में अब घोड़ा बाजार, बकरी बाजार और कुत्ता बाजार में रौनक बची है।

इसमें भी घोड़ा बाजार में दो फीट के बादल ने जलवा बिखेरा है। अजब गजब न्यूज हर दिन बड़ी संख्या में लोग इसे देखने के लिए जुट रहे हैं।

हरिहर क्षेत्र का विश्व विख्यात यह मेला धार्मिक दृष्टि से जितना महत्वपूर्ण रहा है, उतना हीं राजा- महाराजाओं की सेना को मजबूत करने के लिए इस मेला को जाना जाता रहा है। कृषि कार्य के लिए भी यहां से लोग बैल, गाय और भैंस ले जाते थे।

चंद्रगुप्त से लेकर मुगल काल तक कई देशों के प्रतिनिधियों के यहां से घोड़ा, हाथी, तलवार आदि ले जाने का वर्णन इतिहासकार बताते हैं, लेकिन बदलते दौर के साथ मेले में भी परिवर्तन आया है।

अब पशु मेला धीरे- धीरे प्रदर्शनियों के स्टाल तक सीमित हो रहा है, लेकिन बावजूद इसके पशुओं के शौकीनों ने इस मेला में अब भी चार चांद लगाया हुआ है। अपने घोड़ा, गाय और बैल को लेकर मेला क्षेत्र पहुंचने वाले कई ऐसे लोग मिलते हैं, जो 25- 40 वर्षों से लगातार मेला में आ रहे हैं।

पहले पशुओं की खरीद बिक्री के लिए अब इन पशुओं को लोगों के बीच दिखाने के लिए। एक लाख से 15 लाख रुपये तक के घोड़े अभी इस बाजार में हैं।

आरा के उदवंतनगर के रहने वाले सुभाष सिंह बताते हैं कि वह लगभग 25 साल से सोनपुर मेला में आ रहे हैं। अपने भाई के साथ घोड़ी लेकर इस बार मेला में पहुंचे हैं।

संगमरमर की तरह एकदम सफेद इनकी घोडी पर एक भी तिल या काला निशान नहीं है। दूर से हीं यह घोड़ी लोगों की नजर इस पर पड़ जाती है। खरीदार इसकी कीमत लगभग तीन लाख रुपये दे रहे हैं।

सोनपुर मेला में दो फीट के बादल के चर्चे

सोनपुर पशु मेला में दो फीट के बादल की खूब चर्चा हो रही है। बादल नाम का ये घोड़ा दो दोस्तों की निशानी के रूप में जाना जा रहा है। सहरसा के कवैया के रहने वाले भट्टन भगत जिस दिन से मेला पहुंचे हैं, उस दिन से लोग उनके यहां पहुंच रहे हैं।

लोग इनके पास दो फीट के बादल नामक घोड़े को देखने पहुंच रहे हैं। भट्टन भगत बताते हैं कि साढ़े तीन साल का ये घोड़ा दो साल से इनके पास है। इस घोड़े को इनके दोस्त और मुंगेर स्थित टीका रामपुर के रहने वाले डब्लू यादव ने गिफ्ट कर दिया है।

 

विश्व विख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में दो फीट के बादल को देखने पहुंच रहे लोग

दोस्त की इस निशानी को भट्टन भगत ने बखूबी संभाल कर रखा है। इस घोड़े की कीमत सात लाख तक देने वाले खरीदार पहुंचे, लेकिन इस घोड़े को उन्हें बेचना नहीं है।

अनंत सिंह का शिविर नहीं लगने से मायूसी

हर साल मोकामा विधायक रहे अनंत सिंह का शिविर घोड़ा बाजार में लगता था। यहां पर किसी-किसी दिन खुद अनंत सिंह रहते थे। उनके शिविर में उन्नत नस्ल के घोड़े, हाथी और गाय रहते थे, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, लेकिन इस बार अनंत सिंह जेल में हैं और इनका शिविर मेले में नहीं लगा है।

ऐसे में घोड़ा और गाय देखने वाले लोग इनका शिविर खोज रहे हैं, लेकिन इस बार शिविर नहीं लगने की सूचना पर पशु प्रेमियों के बीच मायूसी है।

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