‘अजमेर-92’ महिलाओं के भीतर सशक्तिकरण की भावना जगाने, उन्हें अपनी चुप्पी तोड़ने और किसी भी प्रकार के अत्याचार के खिलाफ बहादुरी से लड़ने के इंस्पायर करने वाली कहानी साबित होगी. ट्रेलर की शुरुआत पत्रकार से होती है, जिसके पास एक कपल अपनी होने वाली बहू की फोटो लेकर आता है और उससे यह पता करने के लिए बोलता है कि उसका रेप हुआ है या नहीं?
यहां देखिए फिल्म ‘अजमेर 92’ का ट्रेलर
फिल्म अजमेर के बैकग्राउंड में सेट है. पत्रकार नरैट करता है कि साल 1992 में अजमेर में क्या हुआ था. फिर लड़कियों की मौत पर राजनीति और पुलिस की ढुलमुल कार्रवाई को देखते हुए पत्रकार खुद ही इस मामले की इन्वेस्टिगेशन करना शुरू करता है. उसे कई नाबालिग लड़कियों की बिना कपड़ों के तस्वीरें मिलती हैं. कुछ नाबालिग लड़कियां सुसाइड करती हैं.
250 लड़कियों के रेप पर आधारित कहानी
इस बीच फिल्म में हिंदू और मुस्लिम एंगल भी देखने को मिलता है. पत्रकार पुलिस की मदद से इन्वेस्टिगेट करता है, तो पता चलता है कि कुछ लोगों का गैंग लड़कियों की नग्न तस्वीरें लेता है और उसे लड़कों के बीच सर्कुलेट करता है और लड़के उस तस्वीर को दिखा कर उन्हें ब्लैकमेल कर रेप करता है. पत्रकार को पता चलता है कि 250 लड़कियों का ऐसे ही रेप हुआ है.