'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तालकटोरा स्टेडियम पहुंच गये हैं. पहले उन्होंने स्टेडियम में एक प्रदर्शनी में छात्रों से बातचीत की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'परीक्षा पे चर्चा' कर रहे हैं. चर्चा शुरू करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'परीक्षा पर चर्चा' मेरी भी परीक्षा है और देश के कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा ले रहे हैं... मुझे ये परीक्षा देने में आनंद आता है. परिवारों को अपने बच्चों से उम्मीदें होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह सिर्फ सामाजिक स्थिति बनाए रखने के लिए है, तो यह खतरनाक हो जाता है.प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों के सवाल लेने शुरू कर दिए हैं. मदुरै से अश्विनी ने अपना सवाल पीएम मोदी के समने रखा. पीएम बच्चों के मन से परीक्षा का डर निकालने का मंंत्र देंगे. पीएम मोदी ने कहा कि पैरेंट्स अपने बच्चों के बारे में बाहर जाकर बड़ी बड़ी बातें कर देते हैं, और फिर बच्चों से वैसी ही उम्मीद करते हैं. ऐसे में क्या हमें इन दवाबों से दबना चाहिए क्या? दिनभर जो कहा जाता है, उसी को सुनते रहेंगे या अपने अंदर झांकेंगे? क्रिकेट में स्टेडियम में लोग चौका, छक्का चिल्लाते रहते है, तो क्या खिलाड़ी पब्लिक की डिमांड पर चौके छक्के लगाता है? खिलाड़ी केवल गेंद पर ध्यान देता है.
*मां से सीखें टाइम मैनेजमेंट* प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अपने पसंद की चीज में ही अपना सबसे ज्यादा समय बिताते हैं. फिर जो विषय छूट जाते हैं उनका भार बढ़ता जाता है. ऐसे में सबसे कठिन विषय को सबसे पहले और उसके ठीक बाद सबसे पसंद का विषय. ऐसे ही एक के बाद एक पसंद और नापसंद के विषयों को समय दें. उन्होंने कहा कि केवल परीक्षा के लिए ही नहीं हमें अपने जीवन में हर स्तर पर टाइम मैनेजमेंट को लेकर जागरूक रहना चाहिए. आप ऐसा स्लैब बनाइए कि जो आपको कम पसंद विषय है उसको पहले समय दीजिए... उसके बाद उस विषय को समय दीजिए जो आपको पसंद है. पीएम ने कहा, क्या आपने आपने कभी अपनी मां के काम को ऑब्जर्व किया है? मां दिन के हर काम का टाइम मैनेजमेंट सबसे अच्छी तरह से करती है. मां के पास सबसे ज्यादा काम होता है, मगर उसका टाइम मैनेजमेंट इतना अच्छा होता है कि हर काम समय पर होता है. Source: digital media
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