नेपाल की नदी से निकली पवित्र शिलाओं से बनेगी अयोध्या में स्थापित होने वाली राम-सीता की मूर्ति, जानिए खासियत...

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अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान राम, सीता माता, हनुमान व चारों भाइयों की प्रतिमाओं का निर्माण नेपाल की शालिग्राम शिला से होगा। इसके लिए नेपाल की काली गंडकी नदी से निकालकर 40 टन वजन की दो विशाल शालिग्राम शिलाएं दो ट्रकों के माध्यम से अयोध्या के लिए रवाना की गई हैं। सुंदर फूलों और लाल, गेरुआ, पीले तथा सफेद कपड़ों से सजाकर इन शिलाओं को ट्रकों पर रखा गया है। दोनों ट्रकों को बड़ी लॉरी पर सवार कर सड़क मार्ग से अयोध्या भेजा जा रहा है। रास्ते में इन पवित्र शिलाओं के दर्शन और स्वागत के लिए भी लोग उमड़ रहे हैं। दोनों शिलाओं में एक का वजन 26 टन व दूसरे का 14 टन है।

भगवान राम सहित सभी भाईयों के बाल्य रूप की प्रतिमा अयोध्या में बन रहे मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाएंगी, जबकि राम दरबार की प्रतिमा प्रथम तल पर स्थापित की जाएंगी। सभी प्रतिमाओं का निर्माण शालिग्राम पत्थर से करने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि इस पत्थर से निर्मित प्रतिमाएं लाखों वर्ष तक सुरक्षित रहती हैं। साथ ही दुर्लभ शालिग्राम पत्थर का धार्मिक महत्व भी है। यह नेपाल की काली गंडकी नदी समेत गिने-चुने स्थानों पर ही उपलब्ध है।

30 जनवरी को मधुबनी के शहरगांव पहुंचेंगी शिलाएं

नेपाल सरकार के सहयोग से गुरुवार को विधिवत पूजा के बाद काली गंडकी नदी से दोनों विशाल शालिग्राम शिलाओं को निकाला गया, जिन्हें दो ट्रकों पर लदाकर रवाना कर दिया गया। 30 जनवरी को ये शिलाएं नेपाल-भारत की सीमा पर स्थित मधुबनी जिले के शहरगांव स्थान पर भारत में प्रवेश करेगी। एक या दो फरवरी ये शिलाएं अयोध्या पहुंच जाएंगी। ट्रक के साथ 100 से अधिक लोग अयोध्या पहुंचेगे, जिनमें नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री कमलेंद्र निधि, जनकपुरधाम के महंथ सहित कई साधु-संत शामिल हैं।

श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी व दक्षिण बिहार विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर चौपाल ने कहा कि शुक्रवार को रात्रि विश्राम नेपाल के देवघाट में करने के बाद शनिवार सुबह नेपाल के हेटौडामा, पथलैयामा, निजगढमा, लालबंदी, बर्दिबास होते हुए ट्रक जनकपुर पहुंचेंगे। रात्री विश्राम वहीं पर है। जनकपुर में ही 29 जनवरी को शिलाखंड की सुबह में महाआरती होगी। फिर इन्हें लोगों के दर्शन के लिए वहां रोका जाएगा। 30 जनवरी की सुबह वहां से ट्रक रवाना होंगे। रास्ते भर लोगों की भीड़ शिलाओं के पूजन के लिए उमड़ रही है।

31 जनवरी को यूपी सीमा में होगा प्रवेश

विहिप के झारखंड-बिहार के क्षेत्र मंत्री बीरेंद्र विमल ने कहा कि 30 जनवरी को मधुबनी में मिथिला क्षेत्र के सभी मठ-मंदिरों के संत-महात्माओं को पूजन कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह किया गया है। ट्रक दरभंगा होते हुए 30 जनवरी को मुजफ्फरपुर पहुंचेगा। 30 जनवरी को रात्रि विश्राम कांटी में है। मधुबनी से लेकर मुजफ्फरपुर तक में 27 स्थानों पर स्वागत की तैयारी की गई है।

31 जनवरी को गोपालगंज होते उत्तर प्रदेश में ट्रक के साथ चल रहे सभी लोग प्रवेश करेंगे। रात्रि विश्राम गोरखपुर में हैं। फिर वहां से अयोध्या के लिए सभी लोग रवाना होंगे। कामेश्वर चौपाल ने कहा कि शालिग्राम पत्थर से अगले नौ माह में प्रतिमा तैयार करने का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि अब ऐसी मशीनें उपलब्ध हैं जिनसे विशाल पत्थरों को आसानी से काट लिया जाता है। इसलिए प्रतिमा तराशने में परेशानी नहीं होगी।           source: digital media

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