हालांकि, सरकार ने पीपीएफ (Public Provident Fund), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, किसान विकास पत्र,सीनियकर सिटीजन सेविंग स्कीम और सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.
वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, सबसे ज्यादा 0.3 प्रतिशत ब्याज पांच साल के आवर्ती जमा (आरडी) पर बढ़ाया गया है. इससे चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आवृत्ति जमा धारकों को 6.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा जो अब तक 6.2 प्रतिशत था. ब्याज दरों की समीक्षा के बाद डाकघरों में एक साल की मियादी जमाओं (एफडी) पर ब्याज 0.1 प्रतिशत बढ़कर 6.9 प्रतिशत मिलेगा. वहीं, दो साल की मियादी जमा पर ब्याज अब 7.0 प्रतिशत होगा जो अब तक 6.9 प्रतिशत था.
सरकार हर तिमाही में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की समीक्षा करती है. पिछली बार सरकार ने अप्रैल-जून 2023 तिमाही के लिए अधिकांश स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में 70 बेसिस पॉइंट (बीपीएस) तक की बढ़ोतरी की घोषणा की थी.
फोटो साभार- मनीकंट्रोल
पिछली बार NSC पर बढ़ा था ब्याज
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून 2023 के लिए सिर्फ एक छोटी बचत योजना (Small Savings Schemes Interest rate) की ब्याज दर में बदलाव हुआ था. तब 5 साल के राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) पर ब्याज 0.70 फीसदी बढ़ाकर 7.7 फीसदी कर दिया गया था.
हालांकि, यह लगातार तीसरी तिमाही थी, जब छोटी बचत योजनाओं में से किसी स्कीम का इंटरेस्ट बढ़ाया गया है. इस बदलाव से पहले तक सबसे ज्यादा 8.2 फीसदी तक का ब्याज वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाओं (SCSS) पर मिल रहा था.
उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से नीतिगत रेपो दर को 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। इससे जमाओं पर भी ब्याज दरें बढ़ी हैं. हालांकि केंद्रीय बैंक ने पिछली दो मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कोई इजाफा नहीं किया है.
एक टिप्पणी भेजें
0टिप्पणियाँ