दरअसल, 11 औरतों पर पीएम आवास योजना की पहली किस्त लेकर अपने प्रेमी संग भागने का आरोप है. आवास देने वाली पीएम आवास योजना 11 मर्दों के घर उजड़ने का कारण बन गई.
यह खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई है. मनीकंट्रोल की खबर के अनुसार, पत्नियों को खोने के बाद अब पीड़ित सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने में लगे हैं. समस्या ये आ गई है कि अधिकारी इन लोगों को आवास योजना के तहत अगली किस्त नहीं दे रहे हैं.
कहां का है मामला?
यह मामला उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले का है. जिले के ठूठीहारी, शीतलापुर, चटिया, रामनदर, बकुलडिहा, खेसहरा किशुनपुर और मेधौली गांव में करीब 2350 लाभार्थियों को पीएम आवास योजना की किस्त दी गई. इनमें से कई का घर पूरा बन भी चुका है. इन्हीं में से 11 महिलाएं ऐसी निकलीं जिन्होंने पीएम आवास योजना की पहली किस्त यानी 40,000 रुपये मिलते ही अपने पतियों को फौरन छोड़ दिया. आपको बता दें कि पीएम आवास योजना के तहत यह प्रावधान भी है कि अगर इस पैसे का इस्तेमाल कहीं और किया जाता है तो उनसे पैसे की वापस वसूली भी की जाएगी. इससे पहले बाराबंकी जिले में भी इस तरह की घटना सामने आई थी.
क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना?
गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को इसके तहत पक्का मकान मिलता है. सरकार की ओर से घर बनाने के लिए 2.5 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाती है. यह सब्सिडी आय के अनुसार, लोन पर दी जाती है.
जिनके पास घर नहीं, सरकार देती है सुविधा
आपको बता दें कि गांव और शहरी क्षेत्र में रहने वाले जिन लोगों के पास घर नहीं होता, उन्हें सरकार रहने के लिए प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए पैसा देती है. इस योजना में महिलाएं भी लाभार्थी होती हैं. मीडिया रिपोर्ट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक महराजगंज के निचलौल ब्लॉक क्षेत्र के कुल 108 गांवों में वर्ष 2023-24 में 2350 लाभार्थियों का चयन हुआ था. इसमें से लगभग दो हजार से अधिक लाभार्थियों का आवास पूरा भी हो चुका है. इसी के तहत 11 महिला लाभार्थियों के खाते में भी आवास की पहली किश्त भेजी गई थी. किश्त मिलते महिलाएं अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई हैं.
पति तनाव में, अधिकारी हैरान
वहीं इन महिलाओं के पति अब तनाव में हैं. किश्त लेकर भागी महिलाओं के पति ने अधिकारियों से पत्नी के खाते में दूसरी किश्त न भेजने की गुहार लगाई है. पति को इस बात का डर सता रहा है कि किश्त की रकम वसूलने का नोटिस कहीं उनके नाम न जारी हो जाए. उन्हें उम्मीद थी कि सरकारी मदद से घर बन जाएगा, लेकिन घर बनने से पहले की उनकी गृहस्थी ही उड़ गई. हालांकि जांच के बाद मामले की उजागर होने परकुछ लाभार्थियों का रकम रोक दिया गया है।
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