कौन हैं कैप्टन अंशुमन सिंह? जिनकी शहादत के बाद मां ने की अग्निवीर योजना बंद करने की मांग

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कौन हैं कैप्टन अंशुमन सिंह? जिनकी शहादत के बाद मां ने की अग्निवीर योजना बंद करने की मांग

कैप्टन अंशुमन सिंह 19 जुलाई 2023 को सियाचिन में एक हादसे में शहीद हो गए. उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है. 3 दिन पहले उनकी पत्नी और मां ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों ये सम्मान ग्रहण किया.

राष्ट्रपति भवन में जब कैप्टन अंशुमन सिंह की वीरता की गाथा सुनाई गई को पत्नी और मां की आंखें डबडबा गईं. इस सम्मान के बाद आज एक बार फिर उनकी वीरता और जांबाजी का किस्सा सुर्खियों में हैं.

सोशल मीडिया में उनकी मां और पत्नी के कीर्ति चक्र ग्रहण करने का वीडियो में तेजी से वायरल हो रहा है. वहीं शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी स्मृति सिंह ने अपनी पहली मुलाकात का किस्सा भी सुनाया. उन्होंने बताया कि कैप्टन अंशुमन सिंह अक्सर कहा करते थे कि ‘मैं सीने में गोली खाकर मरना चाहता हूं’.

कैसे शहीद हुए कैप्टन अंशुमन सिंह?

19 जुलाई 2023 की सुबह सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना के कई टेंटों में आग लग गई थी. भारतीय सेना के गोला बारूद बंकर में शॉर्ट सर्किट की वजह से ये आग लगी थी. जिससे कई जवान आग में फंस गए. कैप्टन अंशुमन सिंह अपनी जान की परवाह किए बगैर ही साथियों को बचाने के लिए आग में कूद पड़े. इस दौरान उन्होंने 3 जवानों को सुरक्षित बचाया, लेकिन वो खुद आग में बुरी तरह झुलस गए. अंशुमन सिंह को एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए चंडीगढ़ लाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.

देवरिया का परिवार, 5 महीने पहले हुई थी शादी

कैप्टन अंशुमन सिंह की शादी हादसे से 5 महीने पहले 10 फरवरी को हुई थी. उनकी पत्नी स्मृति सिंह पेशे से इंजीनियर हैं. और वो नोएडा की एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती हैं. शहादत से 15 दिन पहले ही कैप्टन अंशुमन सिंह सियाचिन गए थे. सियाचिन ग्लेशियर में उनकी तैनाती पंजाब बटालियन के 403 फील्ड में अस्पताल में रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर के पद पर हुई थी. उनका परिवार यूपी के देवरिया का रहने वाला है. और पत्नी पठानकोट की रहने वाली हैं.

पुणे से MBBS कर सेना में हुए थे शामिल

कैप्टन अंशुमन सिंह का चयन पुणे के आर्मर्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज में हुआ था. यहां से MBBS करने के बाद वो सेना की मेडिकल कोर में शामिल हुए. वहीं आगरा के मिलिट्री अस्पताल में ट्रेनिंग के बाद वहीं उनकी पोस्टिंग भी हो गई. कश्मीर के पुंछ सेक्टर में तैनात एक बटालियन के वो मेडिकल ऑफिसर बने थे. जिसके बाद सियाचिन में उनकी तैनाती हुई. कैप्टन अंशुमन सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह भी सेना में JCO थे.

50 लाख मुआवजा और कीर्ति चक्र से सम्मानित

कैप्टन अंशुमन सिंह की शहादत के बाद यूपी की योगी सरकार ने उनके परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया था. साथ ही सीएम योगी ने देवरिया जिले की एक सड़क का नामकरण कैप्टन अंशुमन सिंह के नाम पर करने की घोषणा भी की थी. वहीं बीते शुक्रवार राष्ट्रपति भवन में कैप्टन अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र दिया है.

मां ने की अग्निवीर योजना बंद करने की मांग

नेता विपक्ष राहुल गांधी आज एक बार फिर अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के दौरे पर पहुंचे. इस दौरान शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह का परिवार भी राहुल गांधी से मिला. राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कैप्टन अंशुमन सिंह की मां मंजू सिंह ने कहा कि अग्निवीर योजना बंद होनी चाहिए. वहीं राहुल गांधी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वे अग्निवीर योजना के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे. बता दें कि राहुल गांधी लगातार अग्निवीर योजना बंद करने मांग कर रहे हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में भी इसे मुद्दा बनाया था।

Captain Anshuman Singh kirti chakra: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी के खिलाफ 'ऑनलाइन' अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी को गंभीरता से लिया है

महिला आयोग ने सोमवार को दिल्ली पुलिस से कहा है कि वो आरोपी के खिलाफ न केवल मुकदमा दर्ज करे बल्कि सख्त कार्रवाई भी करे. इस मामले में आरोपी दिल्ली का रहने वाला है. 

राष्ट्रीय महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को सोमवार को जारी एक पत्र में विशेष कानूनी प्रावधानों का भी जिक्र किया है. इनमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 79 और सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 की धारा 67 शामिल है.

बीएनएस में है तीन साल सजा का प्रावधान

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से किए गए कृत्य को दंडित करने का प्रावधान करती है. जबकि आईटी अधिनियम की उक्त धारा इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में अश्लील सामग्री के प्रकाशन या प्रसार के लिए दंड से संबंधित है. 

राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपने पत्र में इन कानूनों के तहत दिए जाने वाले दंड का जिक्र करते हुए कहा है कि इन अपराधों के लिए पहली बार के अपराधकर्ताओं को तीन साल तक की जेल और जुर्माना तथा दोबारा अपराध करने वालों को और कठोर दंड का प्रावधान है.

पुलिस तीन दिन के अंदर करे कार्रवाई 

एनसीडब्लू ने दिल्ली पुलिस को उक्त व्यक्ति के खिलाफ तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने और तत्काल आरोपी को गिरफ्तार करने को कहा है. आयोग ने पुलिस ने इस मामले की निष्पक्ष एवं समयबद्ध जांच की भी मांग की है. साथ ही तीन दिन के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा है।

एक शहीद की पत्नी का सम्मान करते हुए हमने ये अभद्र टिप्पणी प्रकाशित नहीं करने का फैसला किया है।

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