बिहारी युवक को दिल दे बैठी विदेशी लड़की, हंगरी से आकर हिंदू रीति-रिवाज से रचाई शादी

Digital media News
By -
0
बिहारी युवक को दिल दे बैठी विदेशी लड़की, हंगरी से आकर हिंदू रीति-रिवाज से रचाई शादी

छपरा. दूल्हा छपरा का और दुल्हन सात समुंदर पार हंगरी की. सच ही कहा गया है कि प्रेम किसी प्रकार के दीवार को नहीं मानता. जब दो प्रेमी दिल एक होने की सोचते हैं तो समाज-परिवार देश-विदेश सब की सीमाएं टूट जाती है.

बच्चों के खुशी के लिए अभिभावक भी बच्चों के फैसले में शामिल हो जाते हैं. छपरा जिले के दिघवारा प्रखंड के रामदास चक्र निवासी सुनील कुमार सिंह तथा सुलोचना देवी के बेटे अमन कुमार हंगरी में होटल मैनेजमेंट तथा शिप मैनेजमेंट करने के बाद व्यवसाय में लगे हुए है. हंगरी की युवती विवियाना जावरस उसे उन्हें प्यार हो गया. दोनों ने शादी करने का फैसला किया. शुरुआत में दोनों के परिवार इस रिश्ते के खिलाफ थे लेकिन बाद में मंजूरी दे दी.

विवियाना भी अपने प्यार के लिए मुल्क छोड़कर भारत आ गई और अमन कुमार के साथ पटना के राजीव नगर अवस्थित मिथिला उत्सव हॉल में हिंदू रीति-रिवाज से शादी रचा ली. विवयाना ने अपना नाम बदलकर अर्चना सिंह रख लिया है. यह शादी छपरा जिले के दिघवारा प्रखंड में चर्चा में है. खबर के अनुसार हंगरी निवासी विवियाना वहां के सरकारी स्कूल में म्यूजिक टीचर है. पिछले चार साल से दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग चल रहा था. विवियाना को भारतीय संस्कृति से बेहद प्रेम था, इसलिए वह चाहती थीं कि भारत में हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार उनकी शादी हो. इसी कारण से अपने परिजनों के संग पटना आ गईं.

अमन के प्यार में अर्चना बन गईं विवियाना
यहां पर आने के बाद कथा, मटकोर, हल्दी, मरवा मेहंदी, संगीत उत्सव का भी आयोजन किया गया. वर पक्ष और कन्या पक्ष के लोगों ने भाग लिया. बारात आई तो द्वार पूजा हुई. गीत गाए गए. लड़के की आरती उतारी गई. सभी रस्म हुई जो हिंदू विवाह में होती हैं. गुड़हथी का भी रस्म हुआ. गांव से ब्राह्मण हाजम कुंभार को भी बुलाया गया था. सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहा प्राचीन जमाने में शादियों में बजाने वाला सिंघा. बारात जब दरवाजे पर आई तो लगा ही नहीं की दुल्हन विदेशी है. अमन ने बताया कि उनकी प्रेमिका अर्चना सिंह बन गई है. उसे भारतीय सभ्यता संस्कृति, यहां के रीति-रिवाज से विशेष प्रेम रहा है.

यही कारण था कि दोनों एक दूसरे के करीब आए. शादी में शुरू में परिवारवालों की सहमति नहीं थी, फिर भी प्रयास जारी रहा. अंत में घर के लोग भी मान गए. उसके बाद तय हुआ की शादी बिहार में ही होगी. शादी से पहले दूल्हे ने अपने गांव में पेड़ लगाकर एक नई मिसाल भी कायम की.

'भारत की महिलाओं के ट्रेडिशनल लुक पसंद'
दूल्हे के फुफेरे भाई तरैया के भगवतपुर निवासी अभिमन्यु कुमार मनीष ने कहा कि जमाना बदल गया है. अभिभावकों को भी अब अपने बच्चों की खुशियों में ही खुशियां तलाशनी चाहिए. खुशी की बात यह है कि माता-पिता की रजामंदी से सनातन धर्म के अनुरूप यह शादी हुई है. दुल्हन ने कहा कि उसे हिंदी आती है और यहां के बारे में बहुत कुछ जानती भी है. विवियाना ने कहा कि भारत की महिलाओं के ट्रेडिशनल लुक उन्हें बेहद पसंद हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)