सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के मामले को अब बड़ी बेंच के पास भेजा है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच सीएम केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी। इस मामले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ तीन जज नियुक्त करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बड़ी बेंच के पास मामले की सुनवाई तक सीएम केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी गई है।
हाईकोर्ट में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने दाखिल किया जवाब, कहा- झूठे मामले में फंसाया गया
ईडी मामले में सीएम केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने 90 दिनों की कैद झेली है और उन्हें पता है कि वह एक निर्वाचित नेता हैं।
सीएम केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति मामले से संबंधित धन शोधन जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती दी थी।
अंतरिम जमानत मिलने के बाद भी जेल से बाहर क्यों नहीं आ पाएंगे CM केजरीवाल?
अंतरिम जमानत मिलने के बाद भी सीएम केजरीवाल फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे...क्योंकि सीएम फिलहाल सीबीआई की कस्टडी में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत ईडी के केस में दी है। ऐसे में सीएम केजरीवाल फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में ही बंद रहेंगे।
सीएम केजरीवाल ने सीबीआई की ओर से हुई गिरफ्तारी मामले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले की सुनवाई 17 जुलाई 2024 को होगी।
CM केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने पर उनके वकील ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने पर सीएम केजरीवाल के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है और धारा 19 और गिरफ्तारी की आवश्यकता के मुद्दे को एक बड़ी बेंच को भेज दिया गया है। सीएम केजरीवाल हिरासत में ही रहेंगे क्योंकि सीबीआई मामले में उनकी जमानत अभी भी लंबित है। यह एक बड़ी जीत है।"
सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने पर केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वकील शादान फरासत ने कहा, "अदालत ने कहा कि जहां तक उनकी गिरफ्तारी का सवाल है, गिरफ्तारी की आवश्यकता के कुछ पहलू हैं...उन्होंने कहा कि केजरीवाल पहले ही लंबे समय तक जेल में रह चुके हैं और इसलिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में उनकी तुरंत रिहाई और जमानत का निर्देश दिया जाता है।"
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी। कोर्ट ने केजरीवाल को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी। अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि जब तक केजरीवाल जमानत पर बाहर रहेंगे, वह सीएम कार्यालय और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने इन 5 शर्तों पर केजरीवाल की जमानत मंजूर की:
1. केजरीवाल को 50,000 रुपये की राशि के जमानत बांड और इतनी ही राशि की एक श्योरटी देनी होगी।
2. केजरीवाल सीएम दफ्तर और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं कर सकेंगे।
3. केजरीवाल आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जब तक कि यह आवश्यक न हो और दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवश्यक न हो।
4. वह केस में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे; और
5. वह किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे और / या मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उनकी पहुंच नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे यह स्पष्ट किया गया कि अंतरिम जमानत को बढ़ाया जा सकता है या बड़ी पीठ द्वारा वापस लिया जा सकता है। कोर्ट ने केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटने का निर्देश जारी करने के सवाल पर कहा कि इस संबंध में फैसला लेने की जिम्मेदारी आप प्रमुख पर छोड़ दी गई है।
क्या होती है अंतरिम जमानत? (What is interim bail)
अंतरिम जमानत एक छोटी अवधि की जमानत होती है। कोर्ट अंतरिम जमानत तब देता है, जब रेगुलर बेल की एप्लीकेशन पर सुनवाई चल रही होती है।
10 मई को भी कोर्ट ने लगाई थी ऐसी शर्तें
बता दें, सीएम केजरीवाल जब लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत पर बाहर आए थे, तब भी केजरीवाल पर कोर्ट ने ऐसी ही शर्तें लगाई थी। इसका मतलब है कि अगर सीबीआई केस में भी दिल्ली हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिलती है तो वह सीएम के तौर पर कामकाज नहीं संभाल पाएंगे।
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