वहां उनके साथ मारपीट करके, पासपोर्ट छीन लिए गए और उन्हें अमेरिकन लोगों के साथ साइबर फ्रॉड करने को मजबूर किया गया। जैसे-तैसे युवक मौका पाकर वहां से भाग निकले और इंडियन एंबेसी पहुंचकर वापस भारत आए। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी के कार्यालय पर छापेमारी की। जहां पर 20 लाख रुपये की नकदी भी बरामद हुई है।
भागकर आए युवकों का आरोप है कि जिस कंपनी में उन्हें बंधक बनाया गया, वहां करीब 150 भारतीय इसी प्रकार मानव तस्करी करके लाए गए थे। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं, जिनको बॉबी कटारिया जैसे दलालों ने नौकरी का झांसा देकर मानव तस्करी करके भेजा हुआ है। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है।
पुलिस प्रवक्ता के अुनसार बजघेड़ा थाना पुलिस को दी शिकायत में यूपी के फतेहपुर निवासी अरुण कुमार व हापुड़ निवासी मनीष तोमर ने बताया कि बेरोजगारी के कारण वह इंस्टाग्राम पर अपने-अपने स्तर पर यूट्यूबर बॉबी कटारिया के टच में थे। बॉबी के यूट्यूब चैनल एमबीके के साथ में उन्होंने विदेश में नौकरी दिलाने का विज्ञापन देखा। इसके बाद उन्होंने बॉबी कटारिया से उसके मोबाइल पर कॉल किया और वाट्सएप पर संपर्क किया।
बॉबी ने उन्हें विदेश में नौकरी दिलवाने झांसा देकर अपने सेक्टर-109 स्थित कार्यालय बुलाया। इस पर अरुण कुमार एक फरवरी 2024 को बॉबी कटारिया से उसके आफिस में मिला। बॉबी ने उसे यूएई में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। उसने दो हजार रुपये में अपना रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद बॉबी कटारिया के कहने पर 13 फरवरी को उसके आफिस के खाते एमबीके ग्लोबल वीजा प्राइवेट लिमिटेड में 50 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। बॉबी कटारिया के कहने पर उसने 14 मार्च को किसी अंकित शौकीन नामक व्यक्ति के खाते में एक लाख रुपये और ट्रांसफर कर दिए।
इसके बाद बॉबी कटारिया ने अंकित शौकीन के वाट्सएप से ही उसे लाओस की राजधानी वैन्टाइन की टिकट भिजवा दी। 28 मार्च को वह बॉबी कटारिया के कहने के मुताबिक एयरपोर्ट पर 50 हजार रुपये यूएस डाॅलर में बदलवाकर फ्लाइट में बैठ गया। इसी प्रकार उसके दोस्त मनीष तोमर से भी लाखों रुपये सिंगापुर भेजने के नाम पर लिए गए और उसे भी लाओस की फ्लाइट में बैठा दिया गया। जब दोनों वैन्टाइन के एयरपोर्ट पर उतरे तो वहां उन्हें अभी नामक युवक मिला। उसने खुद को बॉबी कटारिया का दोस्त व पाकिस्तानी एजेंट बताया।
अभी नामक व्यक्ति उन दोनों को वैन्टाइन के होटल माइकन सन में छोड़ गया। दूसरे दिन अभी ने उन्हें नावतुई ट्रेन की टिकट कराकर ट्रेन में बैठा दिया। नावतुई स्टेशन से अभी ने टैक्सी द्वारा उन्हें गोल्डन ट्रैंगल पहुंचवा दिया। वहां उन्हें अंकित शौकीन व नितीश शर्मा उर्फ रॉकी नामक युवक मिले। जो उन्हें एक बेनामी चाइनीज कंपनी में ले गए। आरोप है कि वहां पर दोनों दोस्तों के साथ जमकर मारपीट की गई और उनके पासपोर्ट छीन लिए गए। वहीं उन्हें अमेरिकन लोगों के साथ साइबर फ्रॉड करने को मजबूर किया गया। दोनों को धमकी दी गई कि गई कि यदि उनके अनुसार काम नहीं किया गया तो वापस कभी इंडिया नहीं जा सकेंगे और उन्हें यहीं मार दिया जाएगा।
इंटरनेशनल साइबर ठगी का बड़ा रैकेट होने की आशंका
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि यह इंटरनेशनल स्तर पर साइबर ठगी का बड़ा गिरोह हो सकता है। जिस चाइनीज कंपनी में उन्हें बंधक बनाकर साइबर ठगी के लिए मजबूर किया गया वहां करीब 150 भारतीय इसी प्रकार मानव तस्करी करके लाए गए थे। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। आरोप है कि उनमें से ज्यादातर को बॉबी कटारिया जैसे दलालों ने नौकरी का झांसा देकर मानव तस्करी करके भेजा हुआ है।
बजघेड़ा थाना पुलिस व सीआईए दस की टीम ने शिकायत के बाद मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया है। रिमांड पर लेकर आगे की छानबीन की जाएगी। - करण गोयल, डीसीपी वेस्ट, गुरुग्राम
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