मालदीव ने भी MDH-एवरेस्ट मसालों की बिक्री पर लगाया प्रतिबंध, सिंगापुर-हांगकांग भी लगा चुके हैं रोक
अब अमेरिका से भी एमडीएच को जोरदार झटका
31% मसाला शिपमेंट को अस्वीकार
जांच के दायरे में MDH मसालें
हालांकि, एमडीएच ने अपने मसालों में कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशक के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
भारतीय मसाला ब्रांड एमडीएच ने शनिवार को अपने मसालों में कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशक होने के आरोपों को निराधार और असत्य बताया। उन्होंने कहा कि इन आरोपों को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं है। एमडीएच ने ग्राहकों को अपने सभी उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता के बारे में आश्वासन दिया।
स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों का करते हैं पालन : एमडीएम
एमडीएच ने कहा कि हम अपने ग्राहकों को आश्वस्त करते हैं कि हम अपने मसालों के भंडारण, प्रसंस्करण या पैकिंग के किसी भी चरण में एथिलीन ऑक्साइड (ईटीओ) का इस्तेमाल नहीं करते हैं। हम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों का पूरा पालन करते हैं।
आरोप- मसालों से हो सकता है कैंसर
पिछले दिनों जहां हांगकांग ने एमडीएच और एवरेस्ट के फिश करी मसाले की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था तो वहीं सिंगापुर ने एवरेस्ट मसाला को वापस लेने के लिए कहा है। सिंगापुर ने कहा कि इस मासले में एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा काफी ज्यादा है। अगर लोग इस मसाले का ज्यादा दिनों तक इस्तेमाल करेंगे तो उन्हें कैंसर भी हो सकता है।
क्या है साल्मोनेला
अगर किसी खाद्य पदार्थ में साल्मोनेला बैक्टीरिया है और इसका सेवन करते हैं तो पेट में गंभीर इन्फेक्शन हो सकता है। ठीक से अगर न पकाया गया तो आंतों में संक्रमण हो सकता है। टायफायड के लिए यही बैक्टीरिया जिम्मेदार होता है। साल्मोनेला बैक्टिरिया जानवरों जैसे अंडा, बीफ, कच्चे मुर्गों और फल-सब्जियों के साथ-साथ इंसान के आंतों में भी पाया जाता है। एक खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञ ने बताया कि यदि आप कटाई से लेकर प्रोसेसिंग से लेकर पैकेजिंग तक वैल्यू चेन मेंटेन नहीं करते हैं तो साल्मोनेला से बच नहीं सकते। एफडीए ने जनवरी 2022 में एमडीएच के मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट का निरीक्षण किया था। इस दौरान उसने पाया कि यूनिट में पर्याप्त स्वच्छता सुविधाएं नहीं थीं।
एक टिप्पणी भेजें
0टिप्पणियाँ