पुलिस के मुताबिक, बीते साल कोर्ट के आदेश के बाद माटुंगा पुलिस ने महादेव सट्टेबाजी ऐप को लेकर मामला दर्ज किया था और फिर मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई थी.
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महादेव बेटिंग एप और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ धोखाधड़ी को लेकर मुंबई पुलिस ने 8 नवंबर को केस दर्ज किया था. इन लोगों पर चीटिंग करने और जुआ खिलाने के आरोप लगे थे. इस मामले में माटुंगा पुलिस थाने में सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल समेत 30 से ज्यादा लोगों पर केस दर्ज हुआ, जिसे बाद में मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंपा गया और बाद में इसकी जांच के लिए एक एसआईटी बनाई गई.
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दरअसल इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता ने निचली अदालत में याचिका दायर की थी. इसमें ऐप और इसके प्रमोटर्स के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माटुंगा पुलिस को केस दर्ज करने को कहा.
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पुलिस ने बताया कि सौरभ, रवि आदि के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है. इसमें आईपीसी की धारा 420 (चीटिंग), 120-B (साजिश), आईटी एक्ट (साइबर अपराध) और गैम्बलिंग एक्ट लगाया गया है. FIR के मुताबिक, आरोपियों ने लोगों को करीब 15 हजार करोड़ का चूना लगाया है.
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चर्चा में कैसे आया महादेव बेटिंग एप?
ईडी ने दावा किया कि उसने महादेव बेटिंग एप के एजेंट असीम दास को 5.39 करोड़ रुपये कैश बरामद करने के बाद रायपुर में गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी के मुताबिक एजेंट असीम दास को ऐप प्रमोटरों ने UAE से भेजा था. आरोप है कि उसे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को चुनाव खर्चों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाने का काम दिया गया था. जांच एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया कि असीम दास ने स्वीकार किया है कि जब्त किया गया कैश महादेव ऐप प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता 'बघेल' तक पहुंचाने की व्यवस्था की थी.
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