नीतीश कुमार ने 9वीं बार ली CM पद की शपथ, ये 6 विधायक भी बनें कैबिनेट मंत्री, VIDEO

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नीतीश कुमार ने 9वीं बार ली CM पद की शपथ, ये 6 विधायक भी बनें कैबिनेट मंत्री, VIDEO

बिहार (Bihar) में एकबार फिर NDA की सरकार बनी है. रविवार, 28 जनवरी को नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. राजभवन में आयोजित समारोह में नीतीश ने पद और गोपनीयता की शपथ ली.

वहीं बीजेपी कोटे से सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली.

6 कैबिनेट मंत्रियों ने ली शपथ

सीएम, डिप्टी सीएम के साथ ही 6 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री के रूप में भी शपथ ली है.

डॉ. प्रेम कुमार

विजय चौधरी

विजेंद्र यादव

श्रवण कुमार

HAM के संतोष कुमार सुमन

निर्दलीय विधायक सुमित सिंह

नीतीश ने इस्तीफे की बताई ये वजह

इससे पहले सुबह 11 बजे नीतीश कुमार ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मिलकर महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. नीतीश से जब इस्तीफे की वजह पूछी गई, तो उन्होंने कहा, "यह नौबत इसलिए आई क्योंकि ठीक नहीं चल रहा था. थोड़ी परेशानी थी. हम देख रहे थे. पार्टी के अंदर से और इधर-उधर से राय आ रही थी. सबकी बात सुनकर हमने इस्तीफा दिया और सरकार को भंग कर दिया ."

"हमने पिछले गठबंधन को छोड़कर जो नया गठबंधन बनाया था डेढ़ साल से, उसमें आकर स्थिति ठीक नहीं लगी. और वे लोग काम को लेकर जो दावे कर रहे थे, उससे (हमारे) लोगों का खराब लग रहा था."
नीतीश कुमार अगस्त 2022 में बीजेपी से गठबंधन तोड़कर RJD के साथ आए थे. उन्होंने दूसरी बार महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

राजनीति में नीतीश कुमार का ये पहला यू-टर्न नहीं था. इससे पहले 2017 और 2013 में भी वो पाला बदल चुके हैं.

महागठबंधन सरकार गिरने पर क्या बोले तेजस्वी?

महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं एक बात स्पष्ट रूप से कह दूं अभी खेला शुरु हुआ है, अभी खेला बाकी है. मैं जो कहता हूं वह करता हूं. आप लिखकर ले लीजिए JDU पार्टी 2024 में ही खत्म हो जाएगी."

"हमने जो काम किया है उसका श्रेय हमें क्यों नहीं लेना चाहिए? मुख्यमंत्री कहते थे कि नौकरी देना नामुमकिन है, हमने नौकरियां दीं और दिखाया कि ये मुमकिन है. 17 साल बीजेपी-जेडीयू की सरकार थी लेकिन जो काम 17 महीने में हुआ वह 17 साल में नहीं हो सका."
इसके साथ ही INDIA गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा, "INDIA गठबंधन मजबूत है. जो होता है अच्छे के लिए होता है।

वे 6 बार राजग और 2 बार राजद के समर्थन से मुख्‍यमंत्री बने हैं। जानिए जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने कब किसके साथ बनाई सरकार। 

मार्च 2000 में समता पार्टी के नेता नीतीश कुमार पहले बार बिहार के मुख्‍यमंत्री बने थे। उन्होंने भाजपा और सहयोगी दलों की मदद से सरकार बनाई थी। हालांकि बहुमत साबित नहीं कर पाने की‍ वजह से मा‍त्र 7 दिन बाद ही वह सत्ता से बाहर हो गए।

2005 में जदयू नेता नीतीश कुमार ने एक बार फिर राजग की मदद से राज्य की कमान संभाली। इस चुनाव में जदयू ने 88 सीटें जीतीं वहीं भाजपा ने 55 सीटें जीतने में सफल रहीं। 

2010 के विधानसभा चुनावों में भाजपा-जदयू गठबंधन ने 206 सीटों पर जीत दर्ज की। जदयू ने 115 सीटें तो भाजपा ने 91 सीटें जीतीं। लालू यादव की राजद मात्र 22 सीटों पर सिमट गई। नीतीश एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बने। 

2015 ने महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ा। इस चुनाव में राजद ने 80 सीटों पर, जदयू ने 71 सीटों पर और कांग्रेस ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की। उधर भाजपा महज 53 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी। नीतीश कुमार ने पहली बार महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाई। 

जुलाई 2017 में नीतीश कुमार ने 20 महीने पुराने महागठबंधन वाली सरकार को समाप्त करते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने फिर से भाजपा के समर्थन से बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में राज्य में भाजपा जदयू ने एक साथ चुनाव लड़ा। इस चुनाव में भाजपा ने 74 सीटों पर और जदयू ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की। इस तरह नीतीश एक बार फिर राज्य के मुख्‍यमंत्री बने। भाजपा की ओर से तारकिशोर प्रसाद और रेणू देवी के रूप में 2 उपमुख्यमंत्री बनाए गए। 

2022 में नीतीश का भाजपा से मोहभंग हो गया। राजद समेत 9 दलों का महागठबंधन बनाकर जदयू ने सत्ता का सफर तय किया। इस तरह नीतीश फिर सीएम बन गए जबकि तेजस्वी यादव को उपमुख्‍यमंत्री बनाया गया था।

और अब फिर नीतीश कुमार ने भाजपा के समर्थन में सीएम पद की ली शपथ, सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा बने अब डिप्टी सीएम

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