इसके बाद जब कमांडो नॉरफॉक जहाज पर उतरे तो लुटेरे छोड़कर फरार हो गए.
वहीं इस बीच रक्षा अधिकारी के हवाले से न्यूज़ एजेंसी ANI ने बताया कि भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने अरब सागर में भारतीय युद्धपोतों को समुद्री लुटेरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. क्षेत्र में व्यापारिक जहाजों पर हमलों को रोकने के लिए अरब सागर में भारतीय नौसेना के 4 युद्धपोत तैनात किए गए हैं.
नौसेना ने किया था ऑपरेशन
भारतीय नौसेना के मरीन कमांडो शुक्रवार (5 जनवरी) को लाइबेरिया के ध्वज वाले वाणिज्यिक जहाज एमवी लीला नॉरफोक पर उतर गए थे और ऑपरेशन चलाया था. कमांडो नॉरफॉक जहाज के पास नौसेना का आईएनएस चेन्नई से पहुंचे थे.
साथ ही नौसेना ने एमवी लीला नॉरफोक के अपहरण के बाद उसका पता लगाने के लिए समुद्री गश्ती विमान पी-8आई और लंबी दूरी के ‘प्रीडेटर एमक्यू9बी ड्रोन’ को तैनात किया था.
#IndianNavy’s Swift Response to the Hijacking Attempt of MV Lila Norfolk in the North Arabian Sea.
— SpokespersonNavy (@indiannavy) January 5, 2024
All 21 crew (incl #15Indians) onboard safely evacuated from the citadel.
Sanitisation by MARCOs has confirmed absence of the hijackers.
The attempt of hijacking by the pirates… https://t.co/OvudB0A8VV pic.twitter.com/616q7avNjg
कैसे मामला सामने आया था?
यूके मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (यूकेएमटीओ) ने गुरुवार (4 जनवरी) को एमवी लीला नॉरफॉक के हाइजैक की घटना की जानकारी दी थी. यूकेएमटीओ रणनीतिक जलमार्गों में जहाजों की गतिविधियों पर नजर रखता है.
2448 KM/H स्पीड, 70 KM रेंज और 60 Kg हथियार ले जाने में सक्षम MR-SAM दुश्मन को करेगी नेस्तनाबूद, INS Vikrant पर हुई तैनात।
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