'मेरा बिल मेरा अधिकार' ऐप आईओएस और एंड्रॉइड दोनों मंच पर उपलब्ध होगा. ऐप पर अपलोड किए गए 'इनवॉइस' में विक्रेता का जीएसटीआईएन, इनवॉइस नंबर, भुगतान की गई राशि और कर राशि की जानकारी होनी चाहिए. हर महीने 500 से अधिक कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ निकाले जाएंगे, जिसमें लाखों रुपये की पुरस्कार राशि होगी. अधिकारियों ने कहा कि प्रत्येक तिमाही में 2 ड्रॉ आयोजित किए जाएंगे. इसमें पुरस्कार 1 करोड़ रुपये तक जा सकता है.
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योजना को दिया जा रहा अंतिम रूप
एक अधिकारी ने कहा कि एक व्यक्ति एक महीने में अधिकतम 25 बिल 'अपलोड' कर सकता है, जिसका न्यूनतम मूल्य 200 रुपये होना चाहिए. उन्होंने बताया कि योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे जल्द जारी किया जा सकता है.
GST चोरी रोकने की दिशा में एक और कदम
जीएसटी चोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की श्रृंखला में यह नया प्रयास है. सरकार ने पहले ही B2B (बिजनेस-टू-बिजनेस) लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक चालान अनिवार्य कर दिया है, जहां वार्षिक कारोबार 10 करोड़ रुपये से अधिक है. इस मामले के जानकार लोगों ने कहा कि ‘मेरा बिल मेरा अधिकार’ योजना B2C ग्राहकों के मामले में भी इलेक्ट्रॉनिक चालान सुनिश्चित करेगी ताकि खरीदार लकी ड्रा में भाग लेने के योग्य हो सकें.
सरकार की इस योजना का मुख्य लक्ष्य नागरिकों और उपभोक्ताओं को बिजनेस-से-कंज्यूमर (B2C) खरीदारी करते समय विक्रेता से वास्तविक चालान मांगने के लिए प्रोत्साहित करना है, जो जीएसटी के दायरे में भी है.
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