दिल्ली में पहले कभी नहीं हुआ ऐसा झगड़ा'
इस मुद्दे पर राज्यसभा में बिल पेश करते हुए गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि केंद्र की दी हुई शक्ति पर दिल्ली सरकार अतिक्रमण करती है. उसे रोकने के लिए हम संवैधानिक रूप से यह बिल (Delhi Service Bill Latest Updates) लेकर आए हैं. उन्होंने कहा कि कई बार केंद्र में कांग्रेस और दिल्ली में बीजेपी की सरकार रही लेकिन उनमें कभी भी ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर उस तरह का झगड़ा नहीं हुआ, जैसा इस सरकार में देखने को मिला. उस वक्त सारे फैसले एक व्यवस्था के तहत होते थे और इससे किसी सीएम को भी कभी दिक्कत नहीं हुई.
'केंद्र के पास पहले से ही बहुत पावर'
केंद्र गृह मंत्री (Amit Shah) ने कहा कि कई लोग ये कह रहे हैं कि सरकार दिल्ली की पावर को अपने हाथ में लेना चाहती है लेकिन मैं साफ करना चाहता हूं कि केंद्र के पास पहले से ही बहुत पावर है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सर्विस बिल (Delhi Service Bill Latest Updates) को केवल और केवल शहर में भ्रष्टाचारमुक्त शासन के लिए लाया गया है. गृह मंत्री ने कहा, ' वर्ष 2015 में एक आंदोलन के जरिए अस्तित्व में आई एक पार्टी इस बिल का विरोध कर रही है लेकिन उसे पता नहीं है कि दिल्ली के मामले में केंद्र को यह संवैधानिक अधिकार वर्षों से मिला हुआ है.
'बिल का मकसद दिल्ली में भ्रष्टाचार मुक्त शासन'
राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री (Amit Shah) ने कहा कि इस बिल के एक भी प्रावधान से दिल्ली में अब तक चली आ रही व्यवस्था में एक इंच मात्र का भी बदलाव नहीं हो रहा. जो चीजें पहले से चली आ रही थीं, वे सब आगे भी चलती रहेंगी. उन्होंने कहा कि इस बिल (Delhi Service Bill Latest Updates) का मकसद दिल्ली में भ्रष्टाचार मुक्त शासन की स्थापना करना है.
'पीएम बनने के लिए लड़ना पड़ता है एमपी का चुनाव'
गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बिना नाम लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देश का पीएम बनने का ख्वाब देखने से कुछ नहीं होता है. ऐसा ख्वाब तो किसी को भी आ सकता है. अगर किसी को वाकई देश का पीएम बनना है तो इसके लिए संसद का चुनाव लड़ना पड़ता है. दिल्ली के एमएलए का चुनाव लड़ने से काम नहीं बनता है.
'AAP के लक्ष्य पर बीजेपी नहीं बल्कि कांग्रेस'
संसद में आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर इस बिल (Delhi Service Bill Latest Updates) का विरोध कर रही कांग्रेस को भी अमित शाह (Amit Shah) ने लपेटे में लिया. उन्होंने राज्यसभा में कांग्रेस के नेता और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से कहा, खरगे जी सुनिए. ये अध्यादेश पूर्व पीएम की सदस्यता को बचाने के लिए नहीं लाया गया है. यह संशोधन बिल जनता के अधिकारियों की रक्षा के लिए लाया गया है. उन्होंने कांग्रेस को चेताते हुए कहा, खरगे जी सुनिए, इस बिल के पारित होते ही केजरीवाल जी अपनी बात से पलट जाएंगे. मैं क्लियर कर रहा हूं. हम उनके टारगेट पर नहीं हैं. उनके लक्ष्य पर कांग्रेस है.