Delhi: चाइनीज मांझे से अब तक लगभग 1 हज़ार अलग-अलग प्रकार के पक्षी हुए घायल, घायलों का चल रहा इलाज

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Delhi: चाइनीज मांझे से अब तक लगभग 1 हज़ार अलग-अलग प्रकार के पक्षी हुए घायल, घायलों का चल रहा इलाज स्वतंत्रता दिवस पर पतंगबाजी का शौक रखने वालों की लापरवाही इंसानों के साथ पक्षियों पर भी भारी पड़ी। चंद मिनटों की खुशी ने कई पक्षियों की जिंदगी की डोर काट दी। कुछ ऐसे पक्षी भी हैं जो अब कभी आसमान में उन्मुक्त होकर अपनी परवाज नहीं भर पाएंगे। चाइनीज मांझा पक्षियों के लिए काल बनकर सामने आया। 

बीते 15 दिन में पतंगबाजी से घायल हुए पक्षियों का आंकड़ा एक हजार को पार कर चुका है। इनमें राष्ट्रीय पक्षी मोर भी शामिल हैं। मांझे से घायल पक्षियों का अस्पतालों में पहुंचना लगातार जारी है। पुरानी दिल्ली में दिगंबर जैन लाल मंदिर में स्थित पक्षियों के धर्मार्थ चिकित्सालय में रोज 70 से अधिक घायल पक्षी भर्ती हो रहे हैं। 

बुधवार को 150 घायल पक्षियों को लाया गया। यह संख्या अब 850 हो गई है। इसमें कबूतर, चील, तोते और कौवा शामिल हैं। घायल पक्षियों में कबूतर व चील की संख्या अधिक है। वहीं, चार मोर भी हैं। अस्पताल में भर्ती पक्षियों में किसी के पैर कट गए हैं, तो किसी के पंख के साथ हड्डी तक टूट गई है। 

घाव ज्यादा न फैले इस वजह से चोटिल हिस्से को काटना तक पड़ रहा है। पतंगबाजी से इस बार पक्षियों की जान पर बन आई। इंसान ने आसमान में पतंगों के पेंच लड़ाकर आजादी का जश्न तो मनाया, लेकिन परिंदों की परवाह नहीं की। जिस डोर को लोगों ने आजादी की डोर समझकर पतंग के साथ गगन में उड़ाया, वह पक्षियों के लिए काल साबित हो रही है। 

अस्पताल में पक्षियों का इलाज कर रहे डॉ. हरअवतार कहते हैं कि इस बार बीते साल से अधिक घायल पक्षी आ रहे हैं। वह बताते हैं कि इन घायल पक्षियों में अधिकतर अब कभी आजादी से नहीं उड़ पाएंगे। किसी को भी अगर घायल पक्षी मिलता है तो सबसे पहले उसकी ब्लीडिंग को रोका जाए। पक्षियों को कभी भी पॉलीथिन में बंद न करें उन्हें किसी गत्ते के डिब्बे में रख दें।

पोर्टर से भी भेज रहे घायल पक्षी
अस्पताल में सबसे अधिक घायल पक्षी पूर्वी व पुरानी दिल्ली के आसपास के इलाकों से आ रहे हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे हैं जो घायल पक्षियों को पोर्टर के जरिये अस्पताल में पहुंचा रहे हैैं। डॉ. हरअवतार बताते हैं कि अस्पताल में सबसे अधिक मामले द्वारका, दरियागंज, शाहदरा, चिराग दिल्ली से आ रहे हैं। पेड़ व बिजली के खंभे में मांझा फंस जाता है, जिससे यह पक्षी उसमें फंस जाते हैं और बचने की कोशिश करने पर घायल हो जाते हैं। 

मैं छत पर टहलने गया तो वहां मुझे चील पड़ी मिली। यह इतनी बुरी हालत में थी कि इसे अस्पताल तक लाना संभव नहीं लग रहा था। बस इसकी जिंदगी बच जाए और यह भी उड़ने लग जाए। -तारीक, लक्ष्मी नगर

पक्षियों से बेहद लगाव है, लेकिन बीते 10 दिन में मैं 20 पक्षियों को मांझे से घायल हुए पक्षियों का रेस्क्यू कर चुकी हूं। मैं बस यही कहना चाहती हूं कि पल भर की खुशी के लिए इनकी आजादी मत छीनो। -प्रीति

मांझे से बाइक सवार सिपाही की गर्दन कटी
पालम फ्लाईओवर पर बाइक से गुजर रहे दिल्ली पुलिस के एक सिपाही की गर्दन चाइनीज मांझे की चपेट में आकर कट गई। गनीमत यह रही कि वर्दी से उसका बचाव हो गया। वर्दी में फंसकर मांझा किसी तरह टूट गया। मांझे से गर्दन का घाव तो ज्यादा गहरा नहीं हुआ, लेकिन उंगली कट गई। अस्पताल में जाकर अपना इलाज करवाया। 

हादसे के बाद सिपाही ने सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर चाइनीज मांझा इस्तेमाल नहीं करने की अपील की। उसने कहा कि जो भी आपके इलाके में चाइनीज मांझा बेच रहे हैं, उनकी पुलिस से शिकायत करें। आपकी शिकायत से किसी की जान बच सकती है। पालम थाने में शिकायत भी दी।

पुलिस के मुताबिक, पीड़ित सिपाही राम भरोसी दिल्ली कैंट इलाके में रहता है। उसकी तैनाती आरके पुरम थाने में है। मंगलवार शाम ड्यूटी करने के बाद राम बाइक से घर लौट रहा था। जैसे ही पालम फ्लाईओवर पर पहुंचा, अचानक उसकी गर्दन में दर्द होने लगा।

राम को अहसास हो गया कि गर्दन में चाइनीज मांझा फंसा है और गर्दन भी कट गई है। राम ने बाइक रोककर मांझा हाथ से हटाने का प्रयास किया तो उंगली भी कट गई। किसी तरह वर्दी ने उसकी हिफाजत की। मांझे से उसकी शर्ट का कॉलर कट गया, जिससे राम की जान बच गई और मांझा भी टूट गया।
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