Motihari:"मुझे जलाते वक्त बाल मत हटाना..तेरहवीं मत करना" सुसाइड नोट में लिखा, जानिए कौन हैं नवनीत रंजन और क्या हैं पूरा मामला…
*मोतिहारी*
नवनीत रंजन को अपने बालों से बहुत प्यार था, उसको जानने वालों ने यह जानकारी दी है।
नवनीत रंजन को अपने बालों से बहुत प्यार था, उसको जानने वालों ने यह जानकारी दी है।
भइया हम जा रहे हैं, हार गए हैं, हर चीज से थक गए हैं। नहीं हो रहा है अब कुछ भी हमसे। किसी के लिए कुछ भी नहीं कर पाए। तुम हर बार भरोसा दिखाते रहे फिर भी संभाल नहीं पाए। हम खुद बहुत कुछ झेल लिए हैं। बीते कुछ सालों में इतना कि, अब जीने की बिल्कुल आस और चाहत नहीं बची है। पिछले कुछ महीनों से बहुत कोशिश कर रहे थे खुद को रोकने का इसलिए सब से भाग रहे थे। अब भाग भी नहीं पा रहे हैं। मेरे पास अब जीने की ख़्वाहिश और चाहत ही नहीं बची और जिएं भी तो किसके लिए...
ये आखिरी शब्द हैं मोतिहारी के रोटरी लेक टाउन के प्रेसिडेंट और आदर्श होटल के मालिक नवनीत रंजन की। 35 साल के नवनीत ने रविवार को घर के कमरे में फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी। घटना के 24 घंटे बाद नवनीत का सुसाइड नोट मिला है।
मरने से पहले नवनीत ने ये नोट बड़े ही भावुक तरीके से लिखा है। उसने अपने नोट में लिखा है कि शव को जलाने के दौरान उसके बाल को न काटा जाए और न ही कोई तेरहवीं या भोज करने की जरूरत है। यहां तक की नवनीत ने अपने आत्महत्या के लिए भी खुद को जिम्मेदार ठहराया है।
*पहले पढ़िए सुसाइड नोट में लिखा आगे का हिस्सा...*
भइया कई बार सोचे कि कॉल करें तुम्हें बताएं रोएं पर नहीं कर पाए। मम्मी और उज्जवल को संभालना। मेरी वजह से उज्जवल की शादी मत रोकना, मम्मी को अपने पास बुला लेना। मेरी कमी इतनी नहीं रहेगी कि उनको कोई दिक्कत हो। हम तो पहले से ही उनके नाकारा बेटे थे। चले भी अगर गए तो क्या फर्क पड़ेगा। सबको संभालना भइया अब तुम ही हो।
भइया माफ कर देना, हम सब कुछ खराब कर दिए। तुम कहते हो न इतने लोग हैं तुम्हारे पास, पर ऐसा नहीं है। भइया बहुत अकेले हैं। कभी कुछ भी किसी से शेयर ही नहीं कर पाए आज तक। तुम लोग से नहीं कर पाए तो बाकी किससे करते। खैर कुछ आखिरी ख्वाहिश है पूरी कर देना मेरे जाने के बाद।
उज्जवल की शादी मत रोकना, जल्दी आना, सिर्फ गुलाब और बेली से सजा के भेजना। जलाते वक्त बाल नहीं हटाना मेरा और ये मत समझना कि किसी वजह से हम ऐसा किए। हम जो भी किए उसके जिम्मेदार सिर्फ हम हैं और कोई भी नहीं। अपनी इस खुशी का क्रेडिट हम किसी को नहीं दे सकते।
ठीक है भइया, खबर मिलते जल्दी आना, और कोई तेरहवीं या भोज करने का जरूरत नहीं है। सबका ख्याल रखना और अपना भी ध्यान रखना। तुम लोग को बहुत मिस कर रहे हैं। - नवनीत (मुस्कराने वाली स्माइली के साथ) "
नवनीत के खत का आखिरी पन्ना।
*अब जानिए क्या था पूरा मामला...*
मोतिहारी के छतौनी थाना क्षेत्र के भवानीपुर जिरात में रविवार को नवनीत का शव फंदे से लटका मिला था। इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल का छानबीन किया था, लेकिन पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। सोमवार को जब परिवार वाले उसके रूम की सफाई कर रहे थे तभी उसके बेड के नीचे से सुसाइड नोट उन्हें मिला। इसके बाद उन्होंने इस नोट को पुलिस को सौंप दिया है।
नवनीत की वृद्ध मां इंदु ने बताया कि शनिवार की रात नवनीत रंजन अपने होटल से करीब साढ़े ग्यारह बजे घर आया। मैंने उससे खाने के लिए पूछा तो उसने बताया कि होटल से खाकर आए हैं। इसके बाद वह सोने की बात कहकर अपने रूम में चला गया। सुबह जब मैं उठी और उसके कमरे में गई तब भी वो सो रहा था।
सुबह 10 बजे के करीब खाना बनाने के बाद जब मैं उसे जगाने गई तो देखा की वह पंखा से लटका हुआ था। उन्होंने कहा कि पंखे से लटका देख शोर मचाया तो आसपास के लोग पहुंचे। नवनीत को फंदे से उतारा, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल।
*2016 में शादी हुई, अगले साल तलाक*
नवनीत की मां इंदु देवी ने बताया था कि साल 2016 में उसकी शादी हुई थी। शादी के एक साल बाद 2017 में उसके पिता मोहन प्रसाद की मौत हो गई। इसके बाद 2017 में ही नवनीत ने पत्नी को 20 लाख रुपए देकर तलाक दे दिया था। फिलहाल वह अपनी मां के साथ अकेले रहता था।
नवनीत तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर था। बाकी दोनों भाई विदेश में रहते हैं। छतौनी थानाध्यक्ष कंचन भास्कर ने बताया कि नवनीत रंजन ने फंदे से लटक कर आत्महत्या की है। लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले घरवालों ने उसका शव उतार कर बेड पर लिटा दिया था
*4 दिन पहले बना था रोटरी लेक टाउन प्रेसिडेंट*
नवनीत रंजन का शव रविवार को कमरे में फंदे से लटका मिला था। घटना छतौनी थाना क्षेत्र के भवानीपुर जिरात की है। नवनीत घटना के 4 दिन पहले ही रोटरी लेक टाउन का प्रेसिडेंट बना था। इसकी वजह से वो बहुत खुश था। नवनीत रंजन का मोबाइल अब तक बरामद नहीं किया जा सका है। स्थानीय लोगों ने बताया कि नवनीत अपने कमरे में मां की साड़ी से फंदा बनाया और पंखे से लटक गया था। बेटे को देख बूढ़ी मां चिल्ला-चिल्ला कर रो रही थी।