महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि पूर्वी चंपारण जिले में बन रहे विराट रामायण मंदिर में 21 देवालय, रामायण पर आधारित होंगे. विश्वामित्र आश्रम में भाइयों समेत श्रीराम की शिक्षा, अहिल्या उद्धार, धनुषभंग, राम विवाह, केवट प्रसंग, भरत मिलाप, शबरी के जूठे बेर समेत रामायण के विभिन्न प्रसंगों को मूर्त रूप दिया जाएगा, मोतिहारी. बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के कैथवलिया में राम-जानकी पथ एनएच 227A के किनारे विराट रामायण मंदिर निर्माण की नींव पड़ चुकी है. यह विश्व का सबसे बड़ा मंदिर होगा. विराट रामायण मंदिर में भगवान राम के साथ-साथ श्री कृष्ण भी विराजेंगे. साथ ही, यहां विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की भी स्थापना की जाएगी. महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल, जस्टिस एस.एन झा समेत सैकड़ों लोग विराट रामायण मंदिर के शिलान्यास के गवाह बने. बता दें कि, रामायण मंदिर का निर्माण पटना महावीर मंदिर के द्वारा कराया जा रहा है. इसका यहां भूमि पूजन वर्ष 2012 में किया गया था.
विशाल रामायण मंदिर के भव्यता की बात करें तो यह विश्व का सबसे बड़ा मंदिर होगा. यहां तक कि यह कंबोडिया स्थित अंकोरवाट मंदिर से भी काफी बड़ा होगा. 3.76 लाख वर्ग फुट में बनाये जा रहे तीन मंजिल विराट रामायण मंदिर में 22 देवालय एवं कुल 12 शिखर होंगे. मंदिर में सबसे ऊंचा शिखर 270 फीट का होगा. वही, मंदिर की लंबाई 1,080 फीट तथा चौड़ाई 540 फीट होगी,
बता दें कि, रामायण मंदिर का भूमि पूजन वर्ष 2012 में हुआ था. पहले इसका नाम विराट अंकोरवाट मंदिर था, लेकिन कंबोडिया सरकार की आपत्ति और जमीन क्रय में देरी के कारण मंदिर निर्माण में विलंब होती गई. अब जाकर इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ है. यह मंदिर राजधानी पटना से 120 किलोमीटर तथा वैशाली से 60 किलोमीटर की दूरी पर वर्तमान केसरिया-चकिया पथ पर चार गांवों और तीन पंचायतों की सीमा में पड़ता है रामायण मंदिर में राम के साथ-साथ कृष्ण भी होंगे
महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि इस मंदिर में 21 देवालय, रामायण पर आधारित होंगे. विश्वामित्र आश्रम में भाइयों समेत श्रीराम की शिक्षा, अहिल्या उद्धार, धनुषभंग, राम विवाह, केवट प्रसंग, भरत मिलाप, शबरी के जूठे बेर समेत रामायण के विभिन्न प्रसंगों को मूर्त रूप दिया जाएगा. वहीं, 22वां देवालय गिरधर गोपाल भगवान श्रीकृष्ण का होगा. मान्यता है कि जब प्रभु राम जनकपुर से विवाह उपरांत अयोध्या लौट रहे थे, तब भगवान की बारात दूसरे दिन यहां रुकी थी. जनश्रुति की इन मान्यताओं को संजोए रखने के लिए 120 एकड़ भूमि परिसर में विवाह घर और धर्मशाला बनेंगे. वहीं, अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे राम जानकी मार्ग पर विराट रामायण मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक पड़ाव होगा.
2025 महाशिवरात्रि तक विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि विराट रामायण मंदिर तीन मंजिला होगा. मंदिर में काले ग्रेनाइट की चट्टान से बन रहे विशाल शिवलिंग की स्थापना होगी. चेन्नई के निकट महाबलीपुरम में 250 टन वजन के ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराश कर मुख्य शिवलिंग के साथ सहस्रलिंगम बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आठवीं शताब्दी के बाद सहस्रलिंगम का निर्माण भारत में नहीं हुआ है. शिवलिंग का वजन 200 टन, ऊंचाई 33 फीट और गोलाई 33 फीट होगी. यह विशालतम शिवलिंग रामेश्वरम् की याद कराएगा.
सबसे ऊंचा शिखर 270 फीट का होगा
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि 3.67 लाख वर्गफुट क्षेत्रफल में बन रहे इस मंदिर का सबसे ऊंचा शिखर 270 फीट का होगा. जबकि, कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर का सबसे ऊंचा शिखर 220 फीट का है. रामायण मंदिर में 198 फीट का एक शिखर, 180 फीट के चार शिखर, 135 फीट का एक शिखर और 108 फीट ऊंचाई के पांच शिखर होंगे. इस प्रकार, 180 फीट और उससे ऊंचे छह शिखर वाला विराट रामायण मंदिर दुनिया में अकेला होगा. उन्होंने बताया कि भारत में और भी मंदिर बन रहे हैं जहां शिखर 270 फीट से ऊंचा हो सकता है. लेकिन, एक साथ इतने ऊंचे शिखर विराट रामायण मंदिर में ही देखने को मिलेंगे.
नवंबर तक पाइलिंग का काम होगा पूरा
विराट रामायण मंदिर का पाइलिंग कार्य प्रारंभ होने के मौके पर पाइलिंग कराने वाली एजेंसी सनटेक इन्फ्रा के प्रबंध निदेशक गौरव गुप्ता मौजूद थे. उन्होंने बताया कि नवंबर तक सभी 3,102 पाइल पूरे कर लिए जाएंगे. वहीं, निर्माण एजेंसी के अधिकारी श्रवण कुमार झा ने बताया कि विराट रामायण मंदिर में पाइलिंग कार्य में 1,050 टन स्टील और 15,000 क्यूबिक मीटर कंक्रीट की खपत होगी. निर्माण में लगने वाली सामाग्री महावीर मंदिर उपलब्ध कराएगा.
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि बगैर अग्रिम भुगतान के एजेंसी कार्य करेगी. कार्य के आधार पर भुगतान किया जाएगा. इस अवसर पर महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल, ट्रस्टी और राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एस.एन झा, निर्माण कंपनी सनटेक के अधिकारी, जमीन दान करनेवाले मो. इश्तियाक खान, निर्माण समिति के ललन सिंह और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.
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