40 लाख रुपये लिए थे ब्याज पर
चंचल अग्रवाल मिठाई की दुकान भी करते थे। उनके बेटे यश अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि चार साल पहले गिरी मार्केट कॉलोनी में रहने वाले सूदखोर जीतू से करीब चालीस लाख रुपये ब्याज पर लिए थे। सूदखोर ब्याज पर ब्याज लगाए जा रहा था। इससे कर्ज कम ही नहीं हो रहा था। पिता उसे दो करोड़ रुपये दे चुके थे। इसके बाद उसने ब्याज की दर बढ़ा दी। इससे कर्ज खत्म ही नहीं हो रहा था।
धमकी के बाद प्रॉपर्टी डीलर ने दे दी जान
शुक्रवार की सुबह वह फिर से तगादा करने के लिए आ गया। धमकी दी कि अगर पैसा नहीं दिया तो अंजाम बुरा होगा। यश का कहना है कि पापा ने गेट नहीं खोला। वह सदमे में आ गए थे। उन्होंने आत्महत्या कर ली। थोड़ी देर बाद गैलरी में जाकर देखा तो पापा का शव रस्सी से बनाए फंदे से लटकता मिला। पत्नी प्रीति, दूसरे बेटे शुभम भी पहुंच गए। सभी परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
चंचल अग्रवाल ने लिखा सुसाइड नोट
चंचल अग्रवाल ने अपनी एक डायरी में तीन पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था। यह पुलिस को मिल गया। इसमें लिखा है, जीतू उर्फ जितेंद्र बंसल पुत्र धन्ने बसंल पता दिल्ली-सहारनपुर मार्ग से करीब 40 लाख रुपये लिए थे। उसके बदले में दो करोड़ रुपये से ऊपर देने के बावजूद उसने मेरे ऊपर एक करोड़ रुपये और निकाल रखे हैं। उसने मेरा पी-73 मकान जो बलराम नगर में करीब साढ़े 3 मंजिल बना है, दबाव बनाकर उसे अपने नाम पर लिखवा लिया है। इससे इतना दुखी हो गया हूं कि मेरे पास आत्महत्या के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। आत्महत्या का जिम्मेदार जीतू उर्फ जितेंद्र बसंल है। मैं चाहता हूं कि मेरे मरने के बाद योगीजी जीतू पर ऐसी कार्रवाई हो कि मेरे जैसे किसी दूसरे व्यक्ति को कदम न उठाना पड़े।
दो करोड़ देने के बाद भी नहीं खत्म हुआ ब्याज
एसीपी विवेक कुमार ने बताया कि परिजनों से बात की गई है। पूछताछ में पता चला है कि पहले चंचल को पांच फीसदी प्रति माह के ब्याज पर रकम दी थी लेकिन बाद में 10 फीसदी का ब्याज लगा दिया गया था। इससे ब्याज बढ़ता ही गया। एसीपी ने बताया कि सुसाइड नोट को जांच के लिए भेजा जा रहा है। आरोपी की तलाश में दबिश दी जा रही है।
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