सही पते पर पहुंचने में 54 साल लग गए इस रहस्यमयी पोस्टकार्ड को, जानें कहां का है ये अजीबोगरीब मामला...

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सही पते पर पहुंचने में 54 साल लग गए इस रहस्यमयी पोस्टकार्ड को, जानें कहां का है ये अजीबोगरीब मामला... हाल में एक महिला का उसके घर पर रहस्यमयी पोस्टकार्ड प्राप्त हुआ। रहस्यमयी इसलिए क्योंकि इसे पहुंचने में 54 साल लग गए थे। महिला ने सोशल मीडिया पर इसके बारे में शेयर करके बताया कि इसमें क्या लिखा था। नई दिल्ली। आज के दौर में पत्र या पोस्टकार्ड भेजना शायद कोई आम बात नहीं होगी। हालांकि, सालों पहले, यह संचार के सबसे प्रमुख तरीकों में से एक था। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोग एक-दूसरे को पोस्टकार्ड भेजते थे। कभी-कभी, उन्हें समय पर डिलीवरी मिल जाती थी तो कभी देरी भी हो जाती थी। लेकिन कितनी देर? क्या किसी खत को अपनी मंजिल तक पहुंचने में 54 साल लग सकते हैं? दरअसल, हाल में कुछ ऐसा ही हुआ है।

जेसिका मीन्स नाम की महिला ने सोशल मीडिया पर ये किस्सा शेयर किया। उसने लिखा- 'इस रहस्य को सुलझाने में मेरी मदद करें! कृपया दोबारा पोस्ट/शेयर करें। मुझे यह जानना अच्छा लगेगा कि कैसे इस पोस्टकार्ड ने दशकों बाद मेरे घर तक अपनी पहुंच बनाई। हो सकता है कि आपको या आपके किसी जानने वाले के पास कोई सुराग हो कि 2023 में टालहासी से इसे किसने मेल किया होगा।''

उन्होंने आगे कहा, ''यह पोस्टकार्ड आज मेल से आया, ये 'मिस्टर एंड मिसेज रेने गगनन (या वर्तमान निवासी) के नाम पर था।' इसे मूल रूप से 15 मार्च, 1969 को पेरिस से पोस्ट किया गया था, हालांकि इसे अपने गंतव्य तक पहुंचने में 54 साल लग गए! इस पर ताल्हासी, फ्लोरिडा का 12 जुलाई 2023 का नया पोस्टमार्क है। स्पष्ट रूप से, 'या वर्तमान निवासी' और नया डाक टिकट जानबूझकर पर इसपर लगाया गया है तो यह पेरिस से तल्हासी से मेन तक कैसे पहुंचा?!

 

पोस्टकार्ड के बारे में क्या कह रहे लोग
महिला के पोस्ट पर एक व्यक्ति ने लिखा, "गजब की बात है कि ये पोस्टकार्ड इतने सालों बाद पहुंचा है"। दूसरे ने लिखा- सोचिए ये पोस्टकार्ड इतने सालों से कहां रहा होगा। कुछ अन्य लोगों ने अपने दोस्तों को इस उम्मीद में टैग किया है कि वे उस व्यक्ति को जानते होंगे जिसके लिए पोस्टकार्ड मूल रूप से लिखा गया था।

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