Lalu Yadav: आज लालू यादव का 76वां जन्मदिन हैं, जानिए, शुरू से लेकर अब तक का कैसा रहा उनका सफर...

Digital media News
By -
4 minute read
0

Lalu Yadav: आज लालू यादव का 76वां जन्मदिन हैं, जानिए, शुरू से लेकर अब तक का कैसा रहा उनका सफर...

लालू यादव का आज जन्मदिन है. उनके जन्मदिन को लेकर पूरे सूबे में जोर शोर से तैयारी की गई है. आरजेडी कार्यकर्ताओं में और लालू परिवार में खुशी की लहर है. हाल में ही किडनी ट्रांसप्लांट के बाद लालू सिंगापुर से पटना लौटे हैं. उसके बाद से धीरे-धीरे फिर से वह सक्रिय हो रहे हैं. पूरी खबर..

पटनाः बिहार के सबसे प्रभावशाली नेता लालू यादव का आज जन्मदिन है. गोपालगंज जिले में उनका जन्म हुआ था. छात्र राजनीति से सियासी सफर शुरू करने वाले लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री बनने तक की कहानी भी काफी रोचक है. वह केंद्र में रेल मंत्री के पद पर भी रहे. उन्हें बिहार के किंग मेकर के रूप में भी जाना जाता है. इसके अलावा घोटालों और कई तरह के विवादों से भी उनका नाता रहा.

लालू यादव का जन्म और प्रारंभिक शिक्षा : लालू यादव का जन्म 11 जून 1948 में बिहार के गोपालगंज जिले में हुआ था. उन्होंने स्कूली शिक्षा गोपालगंज से ही पूरी की. इसके बाद आगे की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से की.

लालू यादव कैसे बने छात्र नेता : लालू प्रसाद यादव ने छात्र जीवन में ही राजनीतिक सफर की ओर बढ़ गए थे. उन्होंने राजनीति की शुरुआत पटना विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान ही कर ली थी. विश्वविद्यालय चुनाव में लालू यादव पहले छात्रसंघ के महासचिव बने. इसके बाद आगे चलकर छात्रसंघ चुनाव में उन्होंने अध्यक्ष का पद भी हासिल किया. यहीं से लालू यादव ने अपने सियासी सफर की नींव डाली थी.

जेपी आंदोलन और लालू यादव : तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ गुजरात में छात्र आंदोलन चल रहा था. लोक नायक जयप्रकाश उस वक्त वहीं थे. उस समय इंदिरा गांधी की नीतियों का विरोध करते हुए बिहार में भी आंदोलन की सुगबुगाहट होने लगी थी. तब लालू यादव और नरेंद्र सिंह के प्रयास से ही जेपी को गुजरात से बिहार बुलाया गया. इसके साथ उन्हें आंदोलन के मार्गदर्शन के लिए मनाया गया. इस तरह लालू यादव की कोशिशों से ही जेपी ने बिहार में आकर आंदोलन शुरू किया, जिसका नेतृत्व लालू यादव के भी कंधों पर था.

1977 में पहली बार बने सांसद: छात्र आंदोलन के जोर पकड़ने के बाद 1975 में आपातकाल लागू हो गया. फिर इंदिरा की सरकार हटने पर 1977 में पहली बार लालू यादव सिर्फ 29 साल की उम्र में चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे.

1990 में बने पहली बार सीएम: 1979 में लोकसभा का चुनाव हारने के बाद 1980 और 85 में लालू यादव ने विधानसभा का चुनाव जीता. इसके बाद 1989 में फिर एमपी बने. इसके बाद 1990 में बिहार विधानसभा चुनाव में जनता दल ने बड़ी जीत हासिल की. इसके बाद मुख्यमंत्री पद के लिए तीन उम्मीदवार बिहार में खड़े हो गए. इसमें लालू यादव भी एक थे. मुख्यमंत्री पद के लिए आंतरिक चुनाव हुआ और इसमें अपने दाव-पेच के सहारे लालू यादव ने रामसुंदर दास को हरा कर पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने.

लालू यादव का मुख्यमंत्री काल : एक बार मुख्यमंत्री बनने के बाद लालू यादव ने फिर मुड़कर दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद उन्होंने बिहार को अपनी जागीर समझकर राज किया. पप्पू यादव, मो. शहाबुद्दीन जैसे लोगों को संरक्षण देने के कारण उनपर जंगलराज कायम करने के भी आरोप लगाए गए. इसके बाद 1995 में वह दोबारा मुख्यमंत्री चुने गए.

जब आडवाणी को गिरफ्तार करवाए थे लालू : मंडल आयोग की रिपोर्ट पेश होने के बाद जब ओबीसी आरक्षण लागू हुआ तो मंडल कमंडल की राजनीति शुरू हो गई. इसी दौरान हिंदुओं के बीच बीजेपी के बढ़ते प्रभाव के रोकने के लिए लालू ने एक और कारनामा किया. जब बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर 1990 में रथयात्रा निकाली, तो उस समय लालू यादव ने समस्तीपुर में आडवाणी का रथ रुकवा दिया. इसके साथ ही उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था. हमेशा के लिए यह एक ऐतिहासिक सियासी घटना बन गई.

फिर आया घोटालों का दौर: 1996 में एक समय ऐसा आया जब लालू यादव पर चारा घोटाला का आरोप लगा. सीबीआई जांच में उन पर आरोप सही पाया गया. इसके बाद इस घोटाले में उनकी गिरफ्तारी हुई और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. तब उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार की कमान सौंपी और उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया. इसके बाद नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री काल में उन्होंने अपने दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप को बिहार की राजनीति में स्थापित किया. आज तेजप्रताप बिहार के सबसे लोकप्रिय और उभरते हुए युवा नेता हैं.

Tags:

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)