Muzaffarpur News: सदर अस्पताल में दो दिन तक तड़पती रही गर्भवती, किसी ने नहीं ली सुध; पैरवी के बाद कराया प्रसव...

Digital media News
By -
0

मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के मातृ-शिशु अस्पताल में रोस्टर केवल कागजी साबित हो रहा है। रोस्टर लागू नहीं होने के कारण यहां पर आने वाली गर्भवतियों को समय पर इलाज मिल जाए तो वह ऊपर वाले की मेहरबानी मानती हैं। कांटी दामोदरपुर के जमील पत्नी के प्रसव के लिए सदर अस्पताल पहुंचे। पांच जनवरी की सुबह तीन बजे आने के बाद जांच के साथ उसको वार्ड में भर्ती कर लिया गया। दिन में कोई देखने तक नहीं आया। छह जनवरी को जब गर्भवती के पेट में दर्द हुआ तो वह चिकित्सक से देखने की आरजू-मिन्नत करती रही। किसी ने नहीं देखा।

सात जनवरी की सुबह एक मरीज को देखने के लिए जीविका हेल्प लाइन पर तैनात दीदी शहजादी खातून मातृ-शिशु अस्पताल पहुंची। वहां पर वार्ड में दर्द से छटपटाती महिला मरीज का हालचाल लिया। मरीज के स्वजन ने मदद की गुहार लगाई। उसने इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक से भी बातचीत की। इधर, वार्ड में तैनात नर्स ने कहा कि बिना चिकित्सक की कोई दवा नहीं दे सकते हैं।

जिलाधिकारी से शिकायत करने की बात पर हु़आ इलाज

वहीं, स्वजन को इमरजेंसी में कोई चिकित्सक नहीं मिली। एक महिला चिकित्सक आउटडोर में आई तो वह मरीजों को देखने में जुटी रही। जबकि नियम से आउटडोर के साथ महिला चिकित्सक को इमरजेंसी में भी रहना चाहिए। जिससे प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को परेशानी नहीं हो। वहीं, मरीज की तबीयत लगातार खराब हो रही थी। वह दर्द से कराहती रही। मरीज की हालत देखते हुए जीविका दीदी सहारा देकर प्रसव कक्ष लेकर गई। वहां तैनात स्वास्थ्य कर्मी से इलाज की गुहार लगाई। मरीज के स्वजन भी आक्रोशित हो रहे थे। इसके साथ जिलाधिकारी से शिकायत करने की बात पर इलाज शुरू हु़आ।

सिविल सर्जन ने की जीविका दीदी की सराहना

उसके बाद चिकित्सक व कर्मी सक्रिय हुए और महिला ने बच्चे को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। शाम की पाली में जीविका हेल्प लाइन पर तैनात विभा ने जाकर प्रसूता का हालचाल लिया। इस संबंध में सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने जीविका दीदी के मदद की सराहना की। बताया कि मातृ-शिशु सदन में 24 घंटे महिला चिकित्सक की तैनाती की गई है। प्रबंधक से जवाब तलब किया गया है। सीएस ने कहा कि वह खुद अब नियमित जीविका हेल्प लाइन पर आने वाली शिकायत की समीक्षा करेंगे। हर चिकित्सक व कर्मी को हेल्प लाइन पर शिकायत का निदान प्राथमिकता के आधार पर करना है।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)