तीन सामाजिक कार्यकर्ताओं अंजलि भारद्वाज, हर्ष मंदर और जगदीप छोकर की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि 2011 की जनगणना के बाद देश की जनसंख्या में वृद्धि हुई है और एनएफएसए के तहत लाभार्थियों की संख्या भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अगर इसे प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया गया तो कई पात्र और जरूरतमंद लाभार्थी कानून के तहत लाभ से वंचित हो जाएंगे।
वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि हाल के वर्षों में लोगों की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है, लेकिन भारत वैश्विक भुखमरी सूचकांक में तेजी से नीचे आया है। केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि एनएफएसए के तहत 81.35 करोड़ लाभार्थी हैं, भारतीय संदर्भ में भी यह बहुत बड़ी संख्या है।
ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि 2011 की जनगणना ने सरकार को लाभार्थियों की सूची में और लोगों को जोड़ने से नहीं रोका है, जो बढ़ रही है। भूषण ने यह कहते हुए हस्तक्षेप किया कि 14 राज्यों ने यह कहते हुए हलफनामा दायर किया है कि उनके खाद्यान्न का कोटा समाप्त हो गया है। मामले को 8 दिसंबर को फिर से सुनवाई के लिए तय किया गया है।
Source: digital media