जूनियर डॉक्टर जहां भी ड्यूटी करती, उसको देखने के लिए उसी वार्ड का मरीज बनाकर पहुंच जाता। 15 दिन तक यह सिलसिला यू ही चलता रहा तो डॉक्टर को भी शक हुआ। उसने इसकी शिकायत वरिष्ठ डॉक्टर से की। जिसके बाद उसे अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया और जमकर पिटाई की। फिर उसे पुलिस को सौंप दिया। पकड़े जाने के बाद युवक ने सफाई दी कि वह दवा लेने गया था, अब दोबारा नहीं जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार कानपुर के जाजमऊ निवासी तौहीद पंद्रह दिन पहले बीमार पड़ा था तो उसने हैलट की ओपीडी में पर्ची बनवाकर इलाज के लिए पहुंचा। उस दौरान मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर ओपीडी में मरीजों को देख रही थी। इस दौरान जूनियर डॉक्टर ने इसका इलाज भी किया। जूनियर डॉक्टर ने उसके इलाज के लिए दवा तो लिख दी है। लेकिन इसी दौरान तौहीद को जूनियर डॉक्टर (patient fell in love lady doctor) से प्यार हो गया।
फिर वह आए दिन इलाज के बहाने अस्पताल आने लगा। कई बार उसने अलग-अलग नाम से ओपीडी की पर्ची पर पर्चियां कटवाई। फिर जब ओपीडी (OPD) में जूनियर डॉक्टर की ड्यूटी नहीं लगी तो वह दूसरे डॉक्टरों से उसके बारे में पूछने लगा। जब डॉक्टरों को इस बात का शक हुआ कि वह उसका पीछा कर रहा है तो उन्होंने इसकी शिकायत सीनियर डॉक्टर से की। फिर अगले दिन शनिवार को जब तौहीद ओपीडी की पर्ची बनवाकर ओपीडी कक्ष में पहुंचा तो स्टाफ पहले से ही वहां सतर्क था। जैसे ही उसने जूनियर डॉक्टर के बारे में पूछा तो स्टाफ ने उसे पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी।
इसके बाद फिर पुलिस को सौंप दिया। जूनियर डॉक्टर की शिकायत पर स्वरूप नगर पुलिस (Uttar Pradesh Police) ने तौहीद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज (FIR) की है। पुलिस ने जब तौहीद को कोर्ट में पेश किया तो उसने वहां अपनी सफाई दी। तौहीद ने कहा कि मैं तो दवा लेने गया था। एक-दो बार ही फार्म बनवाया था। लेकिन अब मैं वहां कभी नहीं जाऊंगा। वहीं एडीसीपी अनीता सिंह ने कहा कि युवक अस्पताल में अलग-अलग नाम का पर्चा बनवाकर इलाज के बहाने जाता और जूनियर डॉक्टर को ताकता था। जूनियर डॉक्टर की तहरीर पर मामला दर्ज किया गया है। रविवार को पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया। जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है।
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