समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चार चश्मदीदों, कार्यकर्ताओं और एक राजनायिक ने इन ड्रोन हमलों के बारे में बताया, जिसमें बांग्लादेश की सीमा पार करने का इंतजार कर रहे परिवारों को निशाना बनाया गया था. कई चश्मदीदों ने बताया कि हमले के बाद लोग शवों के ढेर के बीच अपने मृत और घायल रिश्तेदारों की पहचान करने के लिए भटक रहे थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला हाल के हफ्तों में सैन्य जुंटा सैनिकों और विद्रोहियों के बीच संघर्ष के दौरान रखाइन राज्य में नागरिकों पर किया गया अब तक का सबसे घातक हमला है. रॉयटर्स ने तीन चश्मदीदों के हवाले से बताया कि इसके पीछे अराकान आर्मी का हाथ है, हालांकि समूह ने इन आरोपों से इनकार किया है. म्यांमार की सेना और मिलिशिया ने एक-दूसरे पर हमले का आरोप लगाया है.
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में दिख रहा है कि कीचड़ भरे मैदान में शवों के ढेर पड़े हुए थे. उनके आसपास उनके सूटकेस और बैकपैक बिखरे हुए थे. तीन लोगों ने बताया कि 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि एक चश्मदीद ने बताया कि उसने कम से कम 70 शव देखे हैं.
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