देशभर में आज से नए आपराधिक कानून लागू, दिल्ली में दर्ज हुआ पहला केस; जानिए
कौन सी लगी धारा👇👇👇
जानकारी के अनुसार, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज के नीचे अवरोध पैदा करने और बिक्री करने के आरोप में भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत एक रेहड़ी- पटरी (स्ट्रीट वेंडर) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर के अनुसार, आरोपी की पहचान बिहार के बाढ़ निवासी पंकज कुमार के रूप में हुई है।
नए कानून के तहत गाजियाबाद में दर्ज हुआ पहला मुकदमा, धाराएं पुरानी👇👇👇
विजयनगर थाने में रात करीब तीन बजे दर्ज हुए इस मुकदमे को पुलिस ने एफआइआर के नए प्रारूप भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता -2023 (बीएनएसएस-2023) की धारा 173 के तहत दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि घटना के समय पुराना कानून लागू था इसलिए धाराएं पुराने कानून के तहत लगी हैं। लेकिन केस दर्ज करते समय नया कानून प्रभावी हो गया।
कल तक मुकदमे सीआरपीसी की धारा 154 के तहत दर्ज किए जाते थे। मारपीट के इस मामले में पुलिस ने आइपीसी के तहत ही मारपीट की धाराएं लगाई हैं। विजय नगर के मवई निवासी रितिक पांडेय ने अपने ई रिक्शा से बैटरी चोरी की जानकारी करने कल जब पार्किंग में गए, तब वहां पार्किंग संचालक ने उनके साथ मारपीट की।
@302 (हत्या) की जगह होगी_103
@307 (हत्या का प्रयास)_109
@323 (मारपीट) 115
@354(छेड़छाड़) की जगह_74
@354ए (शारीरिक संपर्क और आगे बढ़ना)_76
@354बी (शारीरिक संस्पर्श और अश्लीलता_75
@354सी (ताक-झांक करना)_77
@354डी (पीछा करना)_78
@363 (नाबालिग का अण्डरण करस)_139
@376 (रेप करना)_64
@392 (लूट करना)_309
@420 (धोखाधड़ी)_318
@506 (जान से मारने की धमकी देना_351
@304ए (उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करना_106
@304बी (दहेज हत्या)_80
@306 (आत्महत्या के लिए उकसाना_108
@509(आत्महत्या का प्रयास करना_79
@286(विस्फोटक पदार्थ के बारे में उपेक्षापूर्ण आचरण)_287
@294( गाली देना या गलत इशारे करना)_296
@509 लज्जा भंग करना)_79
@324 जानबूझकर चोट पहुंचाना)_118(1)
@325 (गम्भीर चोट पहुंचाना)_118(2),
@353 (लोकसेवक को डरा कर रोकना_121
@336 दूसरे के जीवन को खतरा पहुंचाना_125
@337 (मानव जीवन को खतरे वाली चोट पहुंचाना)_125(ए)
@338 (मानव जीवन को खतरे वाली चोट_125(बी)
@341 (किसी को जबरन रोकना_126
@284 विषैला पदार्थ के संबंध में अपेक्षा पूर्ण आचरण_286
@290 (अन्यथा अनुबंधित मामलों में लोक बाधा दंड)_292
@447 अपराधिक अतिवार_329(3)
@448 (गृह अतिचार के लिए दंड)_329(4)
@382 (चोरी के लिए मृत्यु क्षति_304
@493 दूसरा विवाह करना)_82
@495ए (पति या उसके रिश्तेदार द्वारा क्रूरता)_85
संबंध बनाने के अपराध को रेप से अलग रखा गया है. यह अलग अपराध के रूप में परिभाषित किया गया है.
हत्या : मॉब लिंचिंग को भी अपराध के दायरे में लाया गया है. इन मामलों में 7 साल की कैद, आजीवन कारावास या फांसी का प्रावधान किया गया है. चोट पहुंचाने के अपराधों को धारा 100 से धारा 146 तक में परिभाषित किया गया है. हत्या के मामले में सजा धारा 103 में स्पष्ट की गई है. संगठित अपराधों के मामलों में धारा 111 में सजा का प्रावधान है. आंतकवाद के मामलों में टेरर एक्ट को धारा 113 में परिभाषित किया गया है.
वैवाहिक बलात्कार : इनमामलों में यदि पत्नी 18 साल से अधिक उम्र की है तो उससे जबरन संबंध बनाना रेप (मैराइटल रेप ) नहीं माना जाएगा. यदि कोई शादी का वादा करके संबंध बनाता है और फिर वादा पूरा नहीं करता है तो इसमें अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है.
राजद्रोह : बीएनएस में राजद्रोह के मामले में अलग से धारा नहीं है, जबकि आईपीसी में राजद्रोह कानून है. बीएनएस में ऐसे मामलों को धारा 147-158 में परिभाषित किया गया है. इसमें दोषी व्यक्ति को उम्रकैद या फांसी का प्रावधान है.
मानसिक स्वास्थ्य : मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने को क्रूरता माना गया है. इसमें दोषी को 3 साल की सजा का प्रावधान है.
चुनावी अपराध : चुनाव से जुड़े अपराधों को धारा 169 से 177 तक रखा गया है।
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