हालांकि, अब तक केवल पांच शव बरामद किए गए हैं. गौरतलब है कि, मंगलवार को, उत्तराखंड के सहस्त्र ताल जा रहे 22 ट्रैकरों का एक समूह उत्तरकाशी-टिहरी सीमा पर 15,000 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी की चोटी पर फंसने के बाद लापता हो गया था.
उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट मेहरबान सिंह बिष्ट ने मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि, ट्रैकिंग टीम में कर्नाटक के 18 सदस्य, महाराष्ट्र से एक उत्तरकाशी के तीन गाइड शामिल थे, जो 29 मई को सहस्त्र ताल के ट्रैकिंग अभियान पर गए थे उन्हें 7 जून को वापस आना था. उन्होंने बताया कि, मंगलवार शाम करीब चार बजे बेहद खराब मौसम के चलते ट्रैकर कुफरी टॉप पर फंस गए.
राहत बचाव कार्य जारी
इसके बाद, जल्द से जल्द घटना के बारे में उत्तरकाशी टिहरी आपदा प्रबंधन केंद्र को सतर्क कर दिया गया राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों को बचाव राहत के लिए कुश कल्याण बेस कैंप में भेजा गया. यही वही स्थान था, जहां इस खौफनाक ट्रैक की शुरुआत हुई थी.
गौरतलब है कि, कल पांच मौतें हुईं, जो गुरुवार को बढ़कर नौ हो गईं 13 को बचा लिया गया है. बचाव अभियान चलाने के लिए एनडीआरएफ कर्मियों दो हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है. मातली हेलीपैड पर एक एम्बुलेंस भी तैनात की गई है.
सीएम धामी ने जताया अफसोस
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर अफसोस जताया कहा कि उचित राहत मुहैया की जाएगी. साथ ही जानकारी दी कि, मदद के लिए वायु सेना की भी सहायता ली जा रही है.
एक टिप्पणी भेजें
0टिप्पणियाँ