अब VIP भी राम मंदिर परिसर में नहीं ले जा सकेंगे मोबाइल, इस वजह से लिया गया निर्णय

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अब VIP भी राम मंदिर परिसर में नहीं ले जा सकेंगे मोबाइल, इस वजह से लिया गया निर्णय

रामनगरी अयोध्या में भव्य राममंदिर परिसर में अब वीआईपी भी मोबाइल फोन नहीं ले जा पाएंगे। राममंदिर परिसर में शनिवार से मोबाइल फोन का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। आम श्रद्धालुओं के लिए पहले से ही यह फैसला लागू है लेकिन वीआईपी भक्तों के लिए गेट नंबर दो व गेट नंबर 11 से प्रवेश पर मोबाइल ले जाने की छूट थी।

अब यहां भी यह सुविधा नहीं मिल पाएगी। शुक्रवार को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के डॉ अनिल मिश्र, कमिश्नर गौरव दयाल व आईजी प्रवीण कुमार की मौजूदगी में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया। कमिश्नर ने बताया कि मोबाइल फोन की वजह से दर्शन व्यवस्था में बाधा आ रही थी। आम दर्शनार्थियों के बीच इसे लेकर रोष भी था। सुरक्षा की दृष्टि से भी मोबाइल फोन पर प्रतिबंध की मांग की जा रही थी। देश में ज्यादातर मंदिरों में यही व्यवस्था है। इन सब कारणों से काफी दिनों से यह राय बन रही थी कि वीआईपी प्रवेश द्वारों से भी मोबाइल प्रतिबंधित होना चाहिए। अब राममंदिर में भी यह फैसला लागू कर दिया गया है। 

नागालैंड के राज्यपाल ने रामलला के दर्शन किए

नागालैंड के राज्यपाल ला. गणेशन शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे। महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पर उतरने के बाद वह सीधे रामलला का दर्शन करने राम मंदिर आए। यहां रामलला का दर्शन कर वह भावुक हो गये। कुछ देर भगवान के समक्ष नेत्रों को बंद कर ध्यान मग्न रहे। उनकी तंद्रा तब टूटी जब मंदिर के सहायक पुजारी प्रेमकुमार तिवारी ने उन्हें तिलक लगाया। इसके बाद अंगवस्त्रम भेंट कर उन्हें आर्शीवाद भी दिया। उनके साथ उनकी पत्नी भी मौजूद थीं। रामलला का दर्शन करने के बाद मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में राज्यपाल गणेशन ने कहा कि रामलला का दर्शन करना बहुत भावुक क्षण था। उन्होंने कहा कि मैं अयोध्या दो बार आ चुका हूं। पहली बार कारसेवा के लिए आया था तो दूसरी बार मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के कार्यकाल में दर्शन के लिए आया था।

उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के बाद पहली बार आया हूं। यह बहुत आनंद का समय है। उन्होंने बताया कि मुझे तमिलनाडु में कार सेवा के लिए कारसेवकों को लेकर आने की जिम्मेदारी मिली थी। यहां आकर मैं अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि यह मेरी बहुत प्रेरणादाई अनुभव है। जिन लोगों ने भी कार सेवा में भागीदारी की थी, वह सभी यहां आकर रामलला का दर्शन कर रहे हैं और भावनात्मक रूप से जुड़ जा रहे हैं। मैं प्रार्थना करता हूं यह मंदिर देशवासियों को भी यहां आने के लिए प्रेरित करता रहे।

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