बिहार में साइबर फ्रॉड गिरोह अब कम्पनी के तरह काम कर रहे हैं. इसमें अगल-अगल काम के लिए विंग गठित किया गया है. ठगी करने, ठगी से मिले रुपये को ठिकाने लगाने से लेकर पकड़े जाने वाले शातिरों की जमानत से लेकर मुकदमा लड़ने तक के लिए विंग बनाए गए हैं.दो दिन पहले जिले में तेजी से बढ़े साइबर फ्रॉड के मामले में साइबर थाना पुलिस ने कार्रवाई की. पश्चिम चंपारण जिले के मझौलिया थाना के जौकटिया चौबे टोला के साइबर फ्रॉड गिरोह के तीन शातिरों को गिरफ्तार किया गया था. इनसे पूछताछ में पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है.ज्यादातर साइबर फ्रॉड गिरोह पाकिस्तान व बांग्लादेश के मोबाइल सिम का प्रयोग कर कॉल करते हैं. इस सिम को ट्रेस करना पुलिस के लिए कठिन होता है. इसके बाद भी अगर किसी शातिर को पुलिस गिरफ्तार कर लेती है तो उसे कोर्ट से जमानत दिलाने वाला विंग सक्रिय हो जाता है. इस विंग में कानून के जानकार व कोर्ट कचहरी की समझ रखने वाले लोग शामिल किए जाते हैं. अभी तक इसमें पुलिस अधिकारी बनकर ठगी की घटना को अंजाम देने के मामले सबसे अधिक दर्ज कराए गए हैं.वैसे मुजफ्फरपुर साइबर पुलिस काफी एक्टिव नजर आ रही है. फ्रॉड के बढ़ते मामले को लेकर डीएसपी सह साइबर थानेदार सीमा डागर ने बताया कि देश स्तर पर नए तरीके से फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं. अब कोरोना वैक्सीन के नाम पर फ्रॉड द्वारा कॉल किया जा रहा है."हालांकि, अपने जिले में ऐसा मामला अभी सामने नहीं आया है, लेकिन, इस बिंदु पर भी पुलिस की नजर बनी हुई है. फ्रॉड कॉल करते ही पूछते हैं क्या आपने कोरोना वैक्सीन ली है. अगर हां तो एक दबाएं ना तो दो दबाएं.जैसे ही कोई भी बटन दबेगा आपका मोबाइल हैक हो जायेगा."- *सीमा डागर,डीएसपी सह साइबर थानेदार*सीमा डागर ने आगे बताया कि मोबाइल हैक होने के बाद आपके खाते से सेकंड में पैसा गायब हो सकता है. साइबर थानेदार ने कहा कि इस तरह के कॉल आने पर नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर पुलिस से तुरंत संपर्क करें, झांसे में न आएं बताया गया कि किसी कंपनी की ऑनलाइन फ्रेंचाइजी लेने की सोच रहे हैं तो सतर्क रहना होगा. ज्यादातर साइबर फ्रॉड फेज साइट बनाकर लोगों को अपने झांसे में ले रहे हैं. इसलिए, फ्रेंचाइजी लेने समय बारीकी से जांच परख कर ले, ताकि, फ्रॉड नहीं हो.साइबर एक्सपर्ट से जानें कैसे हो रहा फ्रॉड: वहीं साइबर एक्सपर्ट अभिनव ने बताया कि कॉल आए और आपका मोबाइल हैक हो जाए, ऐसी तकनीक अभी तक नहीं आई है. आज कल जितने भी फ्रॉड हो रहे हैं, वो आईवीआरएस मशीन के जरिए AI आवाज क्रिएट करके हो रहे हैं. क्या होता है कि पहले आपको किसी टॉल फ्री नंबर से कॉल आएगा, जिसके बाद वह आपको कुछ ऑप्शन चुनने को कहेंगे।👇
"हिंदी के लिए एक दबाएं, कस्टमर केयर से बात करने के लिए दो दबाएं ऐसा कुछ कहा जाएगा. आप जैसे-जैसे यह ऑप्शन चुनते जाते हैं. आपका कॉल फॉरवर्ड कर दिया जाता है. जिसके बाद आपके मोबाइल में जो भी ओटीपी आएगा वह दूसरे के फोन पर चला जाएगा. जिसके बाद फ्रॉड आसानी से आपके वॉलेट और अकाउंट से पैसों को उड़ा लेते हैं."- अभिनव,साइबर एक्सपर्ट
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