पूजा में पीएम मोदी के अलावा सीएम योगी और कल्कि धाम के महंत आचार्य प्रमोद कृष्णम भी मौजूद रहे. यहां पूजा अर्चना के थोड़ी देर बाद पीएम मोदी जनसभा को संबोधित करेंगे. बता दें कि संभल में कल्कि धाम का निर्माण कांग्रेस के निष्कासित नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम करवा रहे हैं.
कुछ दिनों पहले दिल्ली में प्रमोद कृष्णम ने पीएम मोदी से मुलाकात कर शिलान्यास कार्यक्रम का न्यौता दिया था. इसके बाद कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. गौरतबल है कि 2 रोज पहले उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी गैरों को अपना बना रहे हैं मगर कुछ अभागे नेता ऐसे हैं जो अपनों को भी गैर बनाने में जुटे हैं.
#WATCH | UP: At the foundation stone laying ceremony of the Hindu shrine Kalki Dham in Sambhal, PM Modi says "...Today is also the birth anniversary of Chhatrapati Shivaji Maharaj, hence this day becomes more sacred and more inspiring...On this occasion, I respectfully bow at the… pic.twitter.com/uPvYdLY3PJ
— ANI (@ANI) February 19, 2024
यूपी की धरती से अध्यात्म की एक धारा प्रवाहित हो रही है
पीएम मोदी कल्किधाम शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज यूपी की धरती से प्रभु श्रीराम और प्रभु कृष्ण की भूमि से भक्ति और अध्यात्म की एक धारा प्रवाहित हो रही है. आज पूज्य संतों की साधना और जनमानस की भावना से एक और पवित्र धाम की नींव रखी जा रही है. पीएम मोदी ने कहा कि संतों की उपस्थिति में कल्कि धाम के शिलान्यास का सौभाग्य मिला है.
पीएम ने आगे कहा कि मैं सभी देशवासियों और श्रद्धालुओं को बधाई देता हूं. अभी आचार्य प्रमोद जी क रहे थे कि 18 साल की प्रतीक्षा के बाद ये सौभाग्य मिला है. पीएम ने आगे कहा कि कई ऐसे अच्छे काम हैं जो कुछ लोग मेरे लिए छोड़कर गए हैं. आगे भी जितने भी अच्छे काम रह गए हैं उन्हें भी संतों के आशीर्वाद से आज ही पूरा करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती भी है. ऐसे में आज हम देश में जो सांस्कृति पुनरोत्थान देख रहे हैं उसकी प्रेरणा हमे छत्रपति शिवाजी महाराज से ही मिलती है. उन्होंने कहा कि जब आचार्य जी मुझे निमंत्रण देने आए थे तो उन्होंने धाम को लेकर मां के वचन और सपने की बात बताई थी. उनकी बात के आधार पर कह सकता हूं कि आज उनसे ज्यादा आनंद उनकी माताजी को हो रहा होगा. मां के वचन के लिए कैसे एक बेटा जीवन खपा सकता है ये प्रमोद जी से सीखना चाहिए.
अच्छा हुआ प्रमोद जी आपने भावनाएं दी
पीएम ने कहा कि इस पवित्र यज्ञ में मुझे माध्यम बनाया गया. इसके लिए मैं आचार्य जी को धन्यवाद देता हूं. उन्होंने कहा कि अभी जब वो स्वागत प्रवचन कर रहे थे तब उन्होंने कहा कि हर किसी के पास कुछ न कुछ देने को होता है. मेरे पास कुछ नहीं है, मैं सिर्फ भावनाएं व्यक्त कर सकता हूं. पीएम ने चुटकी लेते हुए कहा कि प्रमोद जी अच्छा हुआ आपने कुछ नहीं दिया वरना जमाना तो ऐसा है कि अगर आज सुदामा श्री कृष्ण को एक पोटली में चावल दे दे तो वीडियो आ जाता और कोर्ट में पीआईएल दायर हो जाती. और जजमेंट आता भगवान कृष्ण को भ्रष्टाचार में कुछ दिया गया है वे भ्रष्ट हैं. अच्छा हुआ आपने भावना दिखाई.
वहीं जनसभा को संबोधित करते हुए कल्कि धाम के महंत प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भगवान जहां आते हैं वह धरा धन्य हो जाती है. अयोध्या में जितना काम हुआ वह अद्भूत है. उन्होंने कहा कि यह भी अद्भूत संयोग है कि भगवान राम के सारे काम आपके हाथों से ही हुए हैं. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब देश में रामराज्य की स्थापना होगी.
आचार्य ने कहा कि जब वे पीएम मोदी को निमंत्रण देने गए तो उन्हें लगा कि वे निमंत्रण स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन पीएम ने निमंत्रण स्वीकार किया. हालांकि लोग मुझे पूछते थे कि क्या पीएम आएंगे तो मेरे पास कोई जवाब नहीं था. लेकिन मुझे विश्वास था कि वे जरूर आएंगे.
पीएम मोदी को इस कार्यक्रम में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आमंत्रित किया था, जिन्हें पार्टी विरोधी टिप्पणियों के कारण 6 साल के लिए कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। शिलान्यास कार्यक्रम सुबह लगभग 10:30 बजे शुरू हुआ, जिसमें कई संत, धार्मिक नेता और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। इस अवसर पर पीएम मोदी द्वारा जनसभा को भी संबोधित भी किया गया।भगवान कल्कि को प्रभु विष्णु का 10वां अवतार माना जाता है। कल्कि धाम को दुनिया का सबसे अनोखा मंदिर कहा जा रहा है क्योंकि कल्कि धाम पहला ऐसा धाम है जहां भगवान के अवतार लेने से पहले उनके मंदिर को स्थापित किया जा रहा है।
वहीं, इस मंदिर में एक नहीं 10 गर्भगृह होंगे। भगवान विष्णु के 10 अवतारों के 10 अलग-अलग गर्भगृह स्थापित किए जाएंगे। श्री कल्कि धाम मंदिर परिसर पांच एकड़ में बनकर तैयार होगा, जिसमें 5 वर्ष का समय लगेगा। वहीं, पीएम के इस कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मुख्य मंच के ठीक पीछे प्रधानमंत्री का चॉपर उतरने के लिए हैलीपैड बनाया जा रहा है और पूरे परिसर को एसपीजी ने सुरक्षा में ले लिया है।
वहीं, समारोह परिसर को 3 खंड में बांटा गया है। मुख्य मंच के ठीक सामने VVIP मेहमान, VIP मेहमान और उसके बाद अन्य लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। टेंट सिटी कल्किपुरम में देशभर से आ रहे साधु-संतों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। करीब 11 हजार साधु-संत शिलान्यास समारोह में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे है।
सभी तैयारी पूरी हैं। कुल मिलाकर कल्कि धाम सनातन के नव उत्थान का गवाह बनने को तैयार है। क्या है कल्कि मंदिर की खासियत ? इस मंदिर का निर्माण भी राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित बंशी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से किया जा रहा है जिससे सोमनाथ मंदिर और अयोध्या के राम मंदिर का निर्माण किया गया है। इस मंदिर का शिखर 108 फीट ऊंचा होगा।
11 फीट के ऊपर मंदिर का चबूतरा बनेगा। मंदिर में 68 तीर्थों की स्थापना होगी, जबकि कहीं भी स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। कल्कि धाम में भगवान कल्कि के नए विग्रह की स्थापना होगी, जबकि पुराना कल्कि पीठ यथावत बना रहेगा। कौन हैं भगवान कल्कि? पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब कलयुग में पाप अपने चरम पर होगा, तब भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि दुष्टों के नरसंहार के लिए अवतरित होंगे।
अग्नि पुराण के 16वें अध्याय में कल्कि अवतार का चित्रण तीर-कमान धारण किए हुए एक घुड़सवार के रूप में किया गया है। इसमें भगवान कल्कि के घोड़े का नाम देवदत्त बताया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कलियुग 432000 वर्ष का है, जिसका अभी प्रथम चरण चल रहा है। जब कलयुग का अंतिम चरण शुरू होगा, तब कल्कि अवतार लेंगे। इस तरह संभल का कल्कि धाम दुनिया का पहला ऐसा धर्म स्थल होगा, जहां भगवान के जन्म से पहले ही उनकी मूर्ति स्थापित होगी।
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