अबू धाबी का हिंदू मंदिर, जानें मंदिर की खूबियां, pm मोदी पहुंचे उद्घाटन करने

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अबू धाबी का हिंदू मंदिर, जानें मंदिर की खूबियां, pm मोदी पहुंचे उद्घाटन करने

अबु धाबी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में उनके होटल के बाहर गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जब वह अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करने और विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए खाड़ी देश पहुंचे।

अबू धाबी में प्रवासी भारतीयों के सदस्य उस होटल के बाहर कतार में खड़े हो गए जहां भारतीय प्रधानमंत्री को रुकने का कार्यक्रम है और पीएम मोदी के वहां पहुंचते ही उन्होंने 'मोदी-मोदी, मोदी है तो मुमकिन है और भारत माता की जय' के नारे लगाए।

भारतीय प्रधानमंत्री ने भी भावुक भारतीय प्रवासियों का गर्मजोशी से नमस्ते करके स्वागत किया और कुछ सदस्यों से हाथ मिलाया। उन्हें समूह के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए भी देखा गया और यहां तक कि भारतीय प्रवासी सदस्यों के बच्चों द्वारा बनाई गई उनकी तस्वीर के कोलाज पर अपना ऑटोग्राफ भी दिया।

#WATCH | UAE: Members of the Indian diaspora raise slogans of 'Modi-Modi, Modi Hai to Mumkin Hai and Bharat Mata ki Jai' as Prime Minister Narendra Modi arrives at a hotel in Abu Dhabi, UAE pic.twitter.com/IOEf59HKrr

— ANI (@ANI) February 13, 2024

इससे पहले आज, भारतीय प्रधानमंत्री का हवाई अड्डे पर मोहम्मद बिन जायद ने स्वागत किया जहां उन्होंने एक-दूसरे को गले लगाया। बाद में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, "अबू धाबी हवाईअड्डे पर मेरा स्वागत करने के लिए समय निकालने के लिए मेरे भाई एचएच @मोहम्मद बिनज़ायद का बेहद आभारी हूं।"

यूएई के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, "मेरे और मेरी टीम के इस भव्य स्वागत के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। जैसा कि आपने कहा, मुझे लगता है कि जब भी मैं यहां आया हूं, मुझे हमेशा लगता है कि मैं अपने घर और परिवार के पास आया हूं।"


उन्होंने कहा, "पिछले सात महीनों में हम पांच बार मिल चुके हैं। आज भारत और यूएई के बीच हर क्षेत्र में आपसी साझेदारी है।" भारतीय प्रधानमंत्री बुधवार को अबू धाबी में पहले हिंदू पत्थर मंदिर, बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) मंदिर का उद्घाटन करेंगे।

27 एकड़ में फैला है अबु धाबी का मंदिर

साल 2017 में अबू धाबी के युवराज शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने मंदिर निर्माण के लिए 27 एकड़ जमीन उपहार में दी. 11 फरवरी 2018 को पीएम मोदी ने इसका शिला-पूजन किया था. 2019 में इस मंदिर ने मैकेनिकल प्रोजेक्ट्स ऑफ द ईयर का खिताब भी जीता था. इसके बाद से इस मंदिर की भव्यता की लोग कायल हो गये और इसके पूरा होने का इंतजार करने लगे. अब यह मंदिर बन कर तैयार है और इसका उद्घाटन कल यानी बुधवार को पीएम मोदी कर रहे हैं. 27 एकड़ जमीन में फैले इस मंदिर में बेहद नाजुक, भव्य और शानदार नक्काशी की गयी है. मंदिर का निर्माण गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से हुआ है. जिसे राजस्थान से मंगाया गया है. इसके निर्माण में 700 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया गया है. मंदिर का निर्माण बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के नेतृत्व में हुआ है.

राम मंदिर से कम नहीं है बीएपीएस हिंदू मंदिर की वास्तुकला

बीएपीएस हिंदू मंदिर का निर्माण 27 एकड़ जमीन पर किया गया है. यह 108 फीट ऊंचा है. इसमें 12 गुंबद पिरामिड की आकृति में बने हैं. मंदिर में 7 शिखर और 410 स्तंभ हैं. 1000 साल तक मंदिर जस-का-तस रहेगा. मंदिर में 40,000 घन मीटर संगमरमर लगे हैं. जबकि, 180 हजार घन मीटर बलुआ पत्थर इस्तेमाल किए गए हैं. इसमे 18 लाख ईंट लगे हैं. सुरक्षा के लिहाज से मंदिर में 100 सेंसर लगे हैं. मंदिर की नींव में भूकंपीय गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने के लिए यंत्र लगे हैं. वहीं मौसम पर नजर रखने के लिए 350 से अधिक सेंसर लगाये गये हैं.

अयोध्या राम मंदिर जैसी दिखेगी झलक

बीएपीएस हिंदू मंदिर की डिजाइन वैदिक वास्तुकला से प्रेरित है. इसके तल में अभिषेक मंडपम है. राम मंदिर की तरह ही लोहे और स्टील का नहीं किया गया है इस मंदिर में उपयोग. इंटरलॉकिंग पद्धति से संगमरमर के विशाल शिलाओं की फिटिंग की गई है. शिव पुराण, भागवत पुराण की कहानियों पर इसकी नक्काशी की गई है. स्वामीनारायण, वेंकटेश्वर और अय्यप्पा के जीवन का चित्रण प्रस्तुत किया गया है. स्वामी नारायण हिंदू मंदिर के भव्य गुंबदों को सद्भाव का गुंबद कहा जा रहा है. यह गुंबद पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु व अंतरिक्ष को प्रदर्शित करता है. यहां एक झरना है, जो गंगा, यमुना और सरस्वती के स्रोत का है प्रतीक है.

इन देवी-देवता के चित्रों से सुसज्जित

बीएपीएस हिंदू मंदिर में स्वामीनारायण, अक्षर-पुरुषोत्तम, राम-सीता, लक्ष्मण, हनुमान, शिव-पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, राधा-कृष्ण, पद्मावती-वेंकटेश्वर, जगन्नाथ और अय्यप्पा की प्रतिमा रखी गई है. मंदिर की दीवारों पर रामायण की अलग-अलग कहानियों की नक्काशी की गयी है. जिसमें भगवान राम का जन्म, सीता स्वयंवर, राम वन गमन, लंका दहन, राम-रावण युद्ध और भरत-मिलाप जैसे प्रसंगों के दृश्यों को बड़ी ही खूबसूरती से उकेरा गया है. मंदिर में हाथी के सुंदर दृश्य भी उकेरे गये हैं, जो भारतीय संस्कृति के प्रतीक हैं. एक तरफ ऊंट हैं, जो कि अरबी संस्कृति को दर्शा रहा है.

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