यह नियम अगले शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू हो जाएगा।
अभी तक कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के लिए टीईटी यानी टीचर्स एलिजबिलिटी टेस्ट अनिवार्य था। लेकिन, हाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत नियमों में बदलाव किया गया है।
ऐसे में अब अगले सत्र से कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक पढ़ाने के लिए भी शिक्षकों को टीचर्स एलिजबिलिटी टेस्ट देना होगा।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने टीईटी को लेकर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में इसका ऐलान किया है। फिलहाल यह व्यवस्था केंद्रीय स्तर पर लागू होगी, जिसे राज्य अपने अनुसार भी अपना भी सकते हैं। इसके अलावा टीईटी को भी सीटेट की तर्ज पर करने की योजना है, यानी कि कोई उम्मीदवार एक बार टीईटी पास कर लेता है तो उसकी उम्र भर मान्यता रहेगी।
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सम्मेलन में एनसीटीई की सदस्य सचिव केसांग वाई. शेरपा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में विभिन्न स्तरों पर टीईटी को लागू करने की सिफारिश की है। वहीं, एनसीटीई माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 से कक्षा 12 तक) पर टीईटी को प्रस्तावित एवं कार्यान्वित करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
सीबीएसई की अध्यक्ष निधि छिब्बर ने कहा कि एक शिक्षक की क्षमता ही कक्षा में एक अच्छा वातावरण उपलब्ध कराती है, ऐसे में शिक्षक पात्रता परीक्षा शिक्षक की क्षमता एवं दक्षता को समझने में अहम भूमिका निभाती है।
इसके अलावा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के टीईटी संयोजक अभिमन्यु यादव ने परीक्षा प्रक्रिया, पात्रता मानकों और स्कूलों में योग्य शिक्षण पेशेवरों के चयन को सुनिश्चित करने और इसे स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर लागू करने के महत्व जैसे बिंदुओं पर चर्चा की।
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