पाकिस्तानी महिला ने भारत-पाक बॉर्डर पर दिया बच्ची को जन्म, बेटी का नाम रखा सरहद

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पाकिस्तानी महिला ने भारत-पाक बॉर्डर पर दिया बच्ची को जन्म, बेटी का नाम रखा सरहद
Ajab gajab Desk:

एक शेर है कि - 'सरहदें रोक न पाएंगी कभी रिश्तों को, ख़ुश्बूओं पर न कभी कोई भी पहरा निकला'. भारत और पाकिस्तान को लेकर जब भी बात होती है तो सरहदों की बात जरूर आती है. सरहद, जिसके आर-पार रिश्ते भी बसते हैं.

इन्हीं रिश्तों को याद करते हुए दोनों मुल्क के लोग आज भी सरहद पार आते जाते हैं. दो दिन पहले दोनों मुल्कों के बीच एक और रिश्ता कायम हुआ. 'सरहद' का रिश्ता. सरहद अभी दो दिन की नवजात बच्ची है. कहने को वो पाकिस्तान की होगी, लेकिन जन्म भारत में हुआ. क्या कहानी है, आगे बताते हैं.

भारत से पाकिस्तान लौट रही एक प्रेग्नेंट महिला को ट्रेन में लेबर पेन शुरू हुआ. छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में. ट्रेन से वो अटारी जा रही थीं. लेकिन ट्रेन में लेबर पेन के कारण लुधियाना में उतरना पड़ा. महिला को तुरंत लुधियाना के भगवान महावीर सिविल अस्पताल ले जाया गया. वहां उन्होंने बच्ची को जन्म दिया. महिला ने बताया कि वह बच्चे की नागरिकता से जुड़ी परेशानियों से बचने के लिए समय रहते पाकिस्तान पहुंचना चाहती थीं. लेकिन जब बच्ची का जन्म हुआ तो उसका नाम 'सरहद' रख दिया.

कराची में हुई थी शादी

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला का नाम मेहविश है. उम्र 33 वर्ष है. मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आगरा की रहने वाली हैं. मेहविश ने साल 2017 में पाकिस्तान के कराची में रहने वाले शोएब से शादी की थीं. पाकिस्तान की नागरिकता ले ली. टूरिस्ट वीजा पर मेहविश अपनी दो बेटियों के साथ करीब दो महीने पहले अपने मायके आई थीं. उसे वीजा में किसी परेशानी की वजह से भारत में ही रुकना पड़ गया. प्रेग्नेंट होने के कारण उनकी डिलीवरी की डेट भी नजदीक आ गई.

वीजा की समस्या हल होने के बाद पाकिस्तान जाने का मन बनाया. मेहविश का भाई जिबरान खान उन्हें छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से अटारी सीमा छोड़ने जा रहा था.

139 नंबर पर संपर्क किया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाई जिबरान ने मेहविश की हालत बिगड़ने पर 139 नंबर पर संपर्क किया. सूचना मिलते ही जीआरपी व्यवस्था में जुट गई. लुधियाना में मेहविश को ट्रेन में उतारकर एंबुलेंस से सिविल अस्पताल ले जाया गया. जहां मेहविश ने तीसरी बेटी को जन्म दिया. मेहविश के पति शोएब राइन सीमा पार इंतजार कर रहे थे. अब मेहविश का परिवार अस्पताल से छुट्टी का इंतजार कर रहा है. ताकि उसे सीमा के रास्ते वापस पाकिस्तान भेजा जा सके. 

मेहविश के भाई ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया,

"हम चाहते थे कि बच्चे की नेशनलिटी सर्टिफिकेट के संबंध में परेशानियों से बचने के लिए डिलीवरी पाकिस्तान में हो. लेकिन हमें वीजा मिलने में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. जिसके कारण डिलीवरी की डेट नजदीक आ गई."

इसके बाद सीमा पार इंतजार कर रहे मेहविश के पति शोएब राइन को बच्ची पैदा होने की जानकारी दी गई.

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